• breaking
  • Chhattisgarh
  • डीएड और बीएड विवाद: हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को लगाई फटकार, 7 दिन में नई चयन सूची जमा करने का दिया अंतिम मौका

डीएड और बीएड विवाद: हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को लगाई फटकार, 7 दिन में नई चयन सूची जमा करने का दिया अंतिम मौका

3 weeks ago
19

बिलासपुर। बहुचर्चित डीएड और बीएड विवाद मामले में गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चौथी बार अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ ने इस मामले में सरकार की ओर से लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की।

पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 21 दिनों के भीतर बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कर केवल डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर कोर्ट में पेश की जाए। हालांकि, तय समय सीमा बीतने के बाद भी सूची जमा नहीं की गई, जिस पर अदालत ने कड़ी फटकार लगाई। वकील के तर्कों को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि, केवल समय बर्बाद किया जा रहा है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार को अंतिम अवसर दिया है।

व्यापम की ओर सूची नहीं भेजी गई

सरकार की ओर से पेश वकील ने बताया कि चयन सूची तैयार करने के लिए व्यापम को पत्र भेजा गया था, लेकिन व्यापम की ओर से अब तक सूची नहीं भेजी गई। साथ ही, पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का भी उल्लेख किया गया। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार को सात दिन के भीतर डीएड अभ्यर्थियों की नई चयन सूची तैयार कर पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब सात दिन बाद होगी।

अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को

शिक्षक भर्ती 2023 का विवाद में हाई कोर्ट और सुप्रीम के फैसले के महिनो बीत जाने और अवमानना की चार-चार सुनवाई हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने पर हाई कोर्ट ने सख्त रूप अपनाया है और फटकार लगाते हुए सात दिनों का अंतिम अवसर देते हुए कार्यवाही न करने पर अधिकारियो पर चार्ज शीट दायर करने की बात कही है।

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद नाइट लैंडिंग सुविधा की प्रक्रिया तेज, मार्च तक पहुंचेगी डीवीओआर मशीन

बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा का सपना जल्द साकार होने की दिशा में कदम बढ़ गए हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) ने नया शपथ पत्र दाखिल कर जानकारी दी है कि डीवीओआर और नाइट लैंडिंग से जुड़ी अन्य सभी मशीनें 17 मार्च 2025 तक एयरपोर्ट पहुंच जाएंगी। पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद की खंडपीठ ने नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए एएआइ द्वारा दो साल का समय मांगे जाने पर नाराजगी जताई थी। बेंच ने इसे अत्यधिक समय बताते हुए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि एयरपोर्ट पर यह सुविधा 2024-25 में ही लागू होनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने एएआइ से समय सीमा कम करने के विकल्पों के साथ शपथ पत्र पेश करने को कहा था। एएआइ ने बताया कि, मशीनों के असेंबल और इंस्टालेशन का काम शुरू होने के बाद चार महीने के भीतर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू हो सकती है।

बिलासपुर एयरपोर्ट को प्राथमिकता

एएआइ ने बताया कि, 18 अक्टूबर 2024 को दक्षिण कोरिया की कंपनी को परचेज आर्डर दिया गया था। आदेश के मुताबिक, 150 दिन के भीतर सात डीवीओआर मशीनें भारत पहुंच जाएंगी, जिनमें से एक मशीन बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए तय की गई है। कुल 22 मशीनों के आर्डर में यह मशीन प्राथमिकता के आधार पर बिलासपुर भेजी जाएगी।

राज्य सरकार को समय रहते आवश्यक भवन का निर्माण पूरा करना होगा

मशीनों के असेंबल और इंस्टालेशन का काम शुरू होने के बाद चार महीने के भीतर नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू हो सकती है। हालांकि, इसके लिए राज्य सरकार को समय रहते मशीन इंस्टालेशन के लिए आवश्यक भवन का निर्माण पूरा करना होगा। एएआइ ने पिछले सप्ताह ही बिलासपुर एयरपोर्ट का निरीक्षण कर भवन के लिए उपयुक्त स्थल चयन कर लिया है और अब इसकी अंतिम डिजाइन तैयार की जा रही है।

नाइट लैडिंग बड़ी उपलब्धि

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने निवेदन किया कि आयातित मशीनों में से पहली लाट में बिलासपुर को प्राथमिकता दी जाए। हाई कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए आदेश में अंकित कर दिया। एएआइ के शपथ पत्र के अनुसार, 17 मार्च 2025 तक डीवीओआर मशीन के पहुंचने और चार महीने के भीतर नाइट लैंडिंग सुविधा के शुरू होने की उम्मीद ने बिलासपुर के नागरिकों और व्यापारियों में उत्साह भर दिया है। नाइट लैंडिंग सुविधा से न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी नई गति मिलेगी।

Social Share

Advertisement