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छत्तीसगढ़ में 10 महीने में साढ़े 9 करोड़ रु. से ज्यादा के 189 इनामी नक्सलियों का सफाया
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलियों से सफाया करने का ऐलान किया था.इनके ऐलान के बाद बस्तर में पुलिस आक्रामक मोड में है. नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. पुलिस ने इस साल के 10 महीनों में 96 मुठभेड़ों में 189 नक्सलियों को मार गिराया है. इन पर 9 करोड़ 72 लाख रूपए का इनाम घोषित है.
इन 96 मुठभेड़ों में कामयाबी हासिल कर पुलिस ने AK-47, SLR और इंसास जैसे कुल 207 हथियार भी बरामद किए हैं, ये हथियार नक्सलियों ने अलग-अलग मुठभेड़ों के बाद जवानों से ही लूटे थे, जिसे अब पुलिस ने बरामद कर लिया है.
नक्सलियों के गढ़ में घुसी फ़ोर्स
सबसे ख़ास बात ये है कि इलाके के सबसे खूंखार नक्सली हिड़मा के गढ़ और उसके गांव पूवर्ती में नक्सलियों में सुरक्षा बलों ने अपना कैंप खोला है. ये इलाका नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना माना जाता है. इतना ही नहीं इस बार नक्सलियों के सबसे कोर और सुरक्षित ठिकाने में ठिकानों में से एक अबूझमाड़ के जंगलों में कुल 22 नए कैंप भी खोले हैं. जिससे नक्सलियों के इलाके में घुस कर उनका एनकाउंटर किया गया है. अबूझमाड़ जिसे नक्सलियों की राजधानी और इनका अभेद किला कहा जाता है. यहां भी अंतिम छोर तक पुलिस की पैठ बढ़ी है.
भारी पड़ी फोर्स
TCOC और ऑपरेशन मानसून में भी सुरक्षा बल के जवानों को बड़ी सफलता मिली है. इस बार नक्सलियों के TCOC महीने में पुलिस फोर्स इन पर भारी पड़ी है. पुलिस ने अटैकिंग मोड पर काम किया और संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च कर नक्सलियों को घेर कर मारा है. इसी तरह मानसून में भी जवानों का ऑपरेशन जारी रहा. अंदरूनी इलाकों में नदी-नाले पार कर जवान नक्सलियों के ठिकाने में घुसे उसके कैंप को ध्वस्त किया, हथियार सामान बरामद किए और नक्सलियों को ढेर कर दिया.
अंदरूनी गांवों में सुरक्षा बलों का कैंप
नक्सलियों का सफाया करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. इस बार सुरक्षाबलों के सबसे ज़्यादा कैंप खोले गए हैं. बस्तर के अलग-अलग इलाकों में 22 अंदरूनी गांवों में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है. ये इलाके नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकाने रहे हैं, यहां सुरक्षाबलों का कैम्प खुलने के बाद गांवों की तस्वीर भी बदलनी शुरू हो गई है. जिन गांवों में सुरक्षा बलों का कैंप खुला है उसमें सुकमा के मुलेर, परिया, सलातोंग, टेकलगुडेम, पूवर्ती, लखापाल पुलनपाड़ दंतेवाड़ा के नेरली घाटी, कांकेर के पानीडोबरी, नारायणपुर के कस्तूरमेटा, इरकभट्टी, मसपुर, मोहंदी, बीजापुर के गुंडम, पुतकेल, छुटवही शामिल हैं.