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12 साल बाद भी नहीं हटा बोर्ड, अब भी रायपुर में ही दिखाया जा रहा है गरियाबंद

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के गठन को 12 साल बीत चुके हैं. लेकिन आज भी जनपद पंचायत के बाहर लगा बोर्ड इसे “रायपुर जिले” का हिस्सा बताता है. सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह सच है, जिनको यकीन न हो, वे खुद जाकर जनपद पंचायत के इस बोर्ड पर रायपुर लिखा हुआ देख सकते हैं.
इस बोर्ड को सही क्यों नहीं किया
सोचने वाली बात यह है कि इतने सालों में आए कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस बदलाव को लेकर पूरी तरह अनजान रहे या इसे नजरअंदाज किया. वर्तमान जनप्रतिनिधियों के 5 साल का कार्यकाल भी पूर्ण होने को है, पर उन्हें भी आज तक नहीं दिखाई दिया ? क्या यह प्रशासनिक सुस्ती है, या फिर हमारे जनप्रतिनिधियों की अपने ही जिले की पहचान के प्रति उदासीनता? आखिर क्यों इतने वर्षों में इस बोर्ड को सही करना किसी ने जरूरी नहीं समझा ?
अपनी पहचान तलाश रहा
इससे सवाल उठता है कि कहीं यह हमारे सिस्टम का एक और मजाक तो नहीं बन गया ? जिस जिले का अलग अस्तित्व 12 साल पहले ही बना दिया गया, वह आज भी एक साधारण से बोर्ड पर अपनी पहचान तलाश रहा है. क्या हम अपने जिले की पहचान को लेकर इतने असंवेदन शील हो चुके हैं कि एक छोटे से सुधार की ओर ध्यान तक नहीं देते? गरियाबंद के लोगों का यह सवाल उठाना जायज है: उनके जिले का नाम कब अपनी सही पहचान पाएगा ?
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