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छत्तीसगढ़ में पहली बार स्त्री स्वरूप में विराजे गणपति : गज का सिर, स्त्री शरीर धारण कर कहलाए गजनिनि; रायपुर में ‘विनायकी’ को देखने उमड़े भक्त

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Bappa seated in female form for the first time in Chhattisgarh | गज का सिर, स्त्री शरीर धारण कर कहलाए गजनिनि; रायपुर में 'विनायकी' को देखने उमड़े भक्त - Dainik Bhaskar

रायपुर, 25 सितंबर 2023/  बप्पा के अनेक रूप आपने देखे होंगे, लेकिन रायपुर में पहली बार भगवान गणेश स्त्री रूप में विराजे हैं। इन्हें भगवान का विनायकी अवतार माना जाता है। शिव पुराण में भी भगवान के इस स्वरूप का वर्णन है। गणेश जी की स्त्री स्वरूप इस मूर्ति को श्री भारतीय समाज की ओर से तात्यापारा चौक पर स्थापित किया गया है। भगवान के इस रूप को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

कथा के अनुसार, शिव जी की ही कृपा से उत्पन्न एक असुर अंधक ने कैलाश पर चढ़ाई कर दी | उसने देवी पार्वती को देखा और उन्हें जबरदस्ती पत्नी बनाने की कोशिश करने लगा। इस पर भगवान शिव ने उसे रोका और कई बार समझाया। लेकिन अंधक ने भगवान शिव पर ही हमला करने का प्रयास किया। यह देखकर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से अंधक पर वार कर दिया।

अंधक का रक्त गिरने से अंधका हुई उत्पन्न

त्रिशूल लगते ही असुर अंधक से रक्त की एक धार फूट पड़ी। जहां-जहां रक्त की बूंदें गिरी हर जगह एक नई आसुरी शक्ति अंधका उत्पन्न हो गई। यह देखकर शिव जी ने हर देवता की स्त्री स्वरूप शक्तियों को पुकारा। तब विष्णु जी की योगमाया, ब्रह्मा की ब्राह्मी, शिव जी की शिवानी और वीर भद्र की भद्रकाली प्रकट हुईं। खुद देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं भी इस रण में आ गईं।

तब श्री गणेश ने लिया स्त्री स्वरूप

इन सभी शक्तियों ने मिलकर अंधकाओं को मार गिराया। इसके बाद भी अंधक का रक्त बहना जारी था। जिससे बार-बार अंधका उत्पन्न हो रही थी। उनकी बढ़ती संख्या और लगातार उत्पन्न होने पर माता पार्वती ने श्री गणेश की ओर देखा। गणेश जी मर्यादा के चलते स्त्री युद्ध में शामिल नहीं हो सकते थे। तब उन्होंने स्त्री अवतार धारण किया।

गज का सिर, स्त्री का शरीर धारण कर बने गजनिनि

भगवान श्री गणेश के इस नए अवतार देवी विनायकी की का सिर गज का और शरीर स्त्री का था। जिसके चलते उन्हें गजानिनि भी कहा गया। गजानिनी ने अपने सूंड से अंधक का सारा रक्त एक बार में खींच लिया और उसे जमीन पर गिरने ही नहीं दिया। इस तरह अंधक का अंत हुआ। इन सभी ने मिलकर अंधकाओं को मार गिराया।

37 सालों से गणेश प्रतिमा स्थापित कर रही समिति

श्री भारतीय समाज समिति के ओमकार कुसरे ने बताया पिछले 37 सालों से गणेश उत्सव का आयोजन समिति की ओर से किया जा रहा है। हर साल हम गणेश जी की प्रतिमा अलग-अलग स्वरूप में लाने का प्रयास करते हैं।इससे पहले 2018 में हमने अध्यन्त प्रभु स्वरूप में गणेश प्रतिमा स्थापित की थी। जिसमें मूर्ति का आधा स्वरूप हनुमानजी और आधा स्वरूप गणेश जी का था।

देर रात गणेश पंडालों में लोगों की रही भीड़

छत्तीसगढ़ समेत राजधानी में गणेश उत्सव की धूम है। रायपुर में देर रात गणेश पंडालों में गणपति बप्पा के दर्शन करने लोग पहुंच रहे। राजधानी भी देर रात गणेश पंडालो में लोगो की भीड़ नजर आए।रात 3 बजे के बाद भी गणेश पंडाल में लोगो की भीड़ नजर आई। साथ ही राम सागर पारा, राठौर चौक, गुढ़ियारी, कालीबाड़ी, नहरपारा की सड़कें जाम रहीं।

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