- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की 17 साल बाद फिर जांच : कोर्ट ने पुलिस से पूछा- क्या नए आरोपी गिरफ्तार होंगे, या फिर पुराने आरोपियों के खिलाफ ही इन्वेस्टिगेशन
इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की 17 साल बाद फिर जांच : कोर्ट ने पुलिस से पूछा- क्या नए आरोपी गिरफ्तार होंगे, या फिर पुराने आरोपियों के खिलाफ ही इन्वेस्टिगेशन
रायपुर, 24 सितंबर 2023/ रायपुर पुलिस 17 साल बाद फिर से चर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले की जांच कर रही है। इस पर शनिवार को कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है कि क्या नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर कोई नई गिरफ्तारी होगी या फिर पुराने आरोपियों के खिलाफ ही जांच होगी।
7 अक्टूबर को पुलिस अपना जवाब देगी। घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा ने नार्को टेस्ट में कई चौंकाने वाले नामों का खुलासा किया है। उन्हें घोटाले का पैसा पहुंचाना कबूल किया है।
इसी को आधार बनाकर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि वो फिर से मामले की जांच करना चाहती है। कोर्ट ने 17 साल बाद पुलिस को इसकी आगे की जांच का आदेश दिया। हालांकि अब तक की जांच में पुलिस ने किसी नए आरोपी पर कार्रवाई नहीं की है।
पीडि़तों की रकम वापस कराने की कोशिश
पुलिस पीडि़तों का डूबा हुआ पैसा वापस कराने की कोशिश में लगी हैं। आरोपी नीरज जैन ने घोटाले के 40 करोड़ रुपए 29 कंपनियों में निवेश किए हैं। उन कंपनियों का शेयर खरीदकर मुनाफा कमाया और फिर उन शेयर्स को बेच दिया। पुलिस अब उन कंपनियों से पैसा वापसी करा रही है। अब तक आधा दर्जन कंपनियों से महज ढाई करोड़ रुपए ही लौट पाए हैं।
उप महाधिवक्ता संदीप दुबे के मुताबिक इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की सुनवाई के दौरान शनिवार को दो आरोपियों की अर्जी पर जवाब दिया गया है कि कोर्ट के निर्देश पर जांच चल रही हैं। इसके बाद कोर्ट ने भी पुलिस से आगे की कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा हैं।
DICGC एक्ट के अनुसार बांटा जाएगा पैसा
सहकारिता विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बताया कि DICGC एक्ट के अनुसार पीडि़तों को पैसा लौटा जाएगा। अभी कंपनियों से खाते में पैसा जमा कराया जा रहा है। पूरे पैसे वापसी की कोशिश की जा रही है।