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राष्ट्रपति मुर्मू ने विद्यार्थियों के आत्महत्या की घटनाओं पर जताई चिंता, कहा – जीवन की चुनौतियों का करें सामना

1 year ago
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रतियोगी परीक्षा के स्टूडेंट्स के खुदकुशी करने के मामलों को लेकर भी चिंता जताई।

रायपुर, 31 अगस्त 2023/  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से शांति सरोवर आश्रम में हो रहे कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि, एक अत्यंत गंभीर विषय है। कुछ दिनों पहले ही NEET की तैयारी करने वाले दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, सपनों और अपने भविष्य का अंत कर दिया। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई कर रहे कई बच्चों ने पिछले दिनों आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि, प्रतिस्पर्धा एक सकारात्मक भाव है, जिससे जीवन संवरता है। हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, अगर आप राम राज्य का सपना देख रहे हैं तो आपको राम और सीता बनना होगा। देश को विश्व गुरू बनाने के लिए उसी दिशा में कदम रखना होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि, हमारा देश नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। चाहे चांद पर तिरंगा लहराना हो या फिर विश्व स्तर पर खेल-कूद में नए अध्याय लिखने हों। वहीं उन्होंने प्रतियोगी परीक्षा के स्टूडेंट्स के खुदकुशी करने के मामलों को लेकर भी चिंता जताई। राष्ट्रपति अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर गुरुवार को रायपुर पहुंची हैं।

राष्ट्रपति के भाषण की 10 प्रमुख बातें

आज मैं बहुत खुश हूं कि छत्तीसगढ़ की धरती पर आकर आप सबसे मिलने का अवसर मिला। राष्ट्रपति के रूप में छत्तीसगढ़ आकर अपने लोगों से मिलने की इच्छा पूरी हुई।

कहावत है कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। सबसे बढ़िया राज्य के सबसे बढ़िया मुख्यमंत्री यहां आए, इसके लिए उन्हें धन्यवाद।

मुझे बहुत दुख होता है जब कुछ बच्चों में नकारात्मक भाव उत्पन्न हो जाते हैं। क्षणिक असफलता में भविष्य की सफलता निहित होती है।

मेरी इस भावी पीढ़ी के परिवार के लोगों, दोस्तों, अध्यापकों और समाज से अपील है कि वे इन बच्चों की मानसिकता को समझकर इनकी सहायता करें। अगर बच्चों पर पढाई का, प्रतियोगिता का दबाव है तो सकारात्मक सोच से उसे दूर करें।

हर एक व्यक्ति को ईश्वर ने अलग बनाया है और सब में अनोखी प्रतिभाएं होती हैं। दूसरों से प्रेरणा लेना अच्छी बात है लेकिन अपनी रुचियों, अपनी क्षमताओं को समझकर सही दिशा का चुनाव करना चाहिए।

कठिनाइयां तो हर व्यक्ति के जीवन में आती हैं लेकिन एक जागरूक मनुष्य कठिनाइयों को पार कर जाता है। सही अर्थों में सचेत व्यक्ति संवेदनशील और विनम्र होने के साथ-साथ आत्म-विश्वास से भरा होता है।

आज हम सब टेक्नोलॉजी के युग में जी रहे हैं और बच्चे भी आज कल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की बात करते हैं। लेकिन यह आवश्यक है कि हम दिन का कुछ समय इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से दूर रहें।

एक बात मैं हर बच्चे, युवा और बुजुर्ग से कहना चाहती हूं कि सदा सकारात्मक विचार और अच्छे लोगों के साथ रहिए। ऐसे लोगों के बीच में रहिए जो आपको सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा और आगे बढ़ने में आपका साथ दें।

ब्रहमाकुमारी बहनें और भाई भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी प्रेम, सद्भाव और शान्ति के विस्तार के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। किसी की सोच में बदलाव लाना आसान नहीं होता।

अंत में, एक बार फिर मैं आप सबको छत्तीसगढ़ में ‘The Year of Positive Change’ की शुरुआत के लिए बहुत-बहुत बधाई देती हूं।

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