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नंदकुमार साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा, औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष बनाए गए
रायपुर, 29 जून 2023/ भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए आदिवासी नेता नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ सरकार बड़ा तोहफा दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नंदकुमार साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। नंदकुमार साय को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार द्वारा साय को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साय को नए दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री नंद कुमार साय जी को छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) के रूप में नव दायित्व के लिये बधाई एवं शुभकामनाएँ। @nandksai
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 29, 2023
चुनावी वर्ष में भाजपा को झटका
बतादें कि चुनावी वर्ष में वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस शामिल हो गए। साय पिछले काफी दिनों से नाराज चल रहे थे। उन्होंने पार्टी के नेताओं पर उनके खिलाफ लगातार षड़यंत्र करने का आरोप लगाया था।
नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता
77 वर्षीय नंदकुमार साय की गिनती छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता के रूप में होती है। साय करीब चार दशक से अधिक समय तक भाजपा से जुड़े रहे। भाजपा के एक प्रमुख आदिवासी नेता और उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1980 में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। साय 1985 में दोबारा तपकरा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए।
नंदकुमार साय की आदिवासी समाज में अच्छी पकड़
आदिवासी समाज में अच्छी पकड़ रखने वाले साय को पार्टी ने 1989 में रायगढ़ से लोकसभा का टिकट दिया। जिस पर उन्होंंने शानदार जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद साय रायगढ़ और सरगुजा सीट से 1996 और 2004 में फिर से भाजपा सांसद चुने गए। इसके बाद 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ बीजेपी अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख रहे।
नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय पार्टी ने नंदकुमार साय को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी थी। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद साय को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का अध्यक्ष भी बनाया गया था।