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छत्तीसगढ़ में रामलला का जन्मोत्सव, गूंजे मंगल गीत : मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ भंडारे का आयोजन
रायपुर, 30 मार्च 2023/ छत्तीसगढ़ में रामनवमी पूरे हर्षोल्लास और भक्तिभाव से मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया है। राजधानी रायपुर में भी श्रीराम-सीता के मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद भंडारा कराया जा रहा है।
रायपुर के प्राचीन दूधाधारी मठ में भी रामनवमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस मठ में श्रीराम, सीता, लक्ष्मण के साथ ही भरत एवं शत्रुघ्न भी एक ही गर्भगृह में प्रतिष्ठापित हैं। यहां दोपहर 12 बजे रामलला का जन्म हुआ। रामनवमी के मौके पर श्रीराम, लक्ष्मण और मां सीता का विशेष श्रृंगार किया गया है। दूधाधारी मठ 1554 में निर्मित हुआ था।
इसके अलावा रामनवमी पर भगवान राम के ननिहाल और मां कौशल्या मंदिर चंदखुरी में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई है। यहां भक्तों ने पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना की। यहां राम जन्मोत्सव के मौके पर भव्य तैयारियां की गई हैं। इस मंदिर में भगवान भांजे के रूप में पूजे जाते हैं। यहां इकलौती ऐसी प्रतिमा है, जिसमें भगवान राम अपनी मां कौशल्या की गोद में बैठे बाल रूप में दिखाए गए हैं।
श्रीराम की भक्ति में डूबा बिलासपुर शहर, जय श्रीराम के लग रहे जयकारे
बिलासपुर में श्री रामनवमी महोत्सव की धूम है। लोग अपने-अपने घरों में भक्तिभाव के श्रीराम जन्मोत्सव मना रहे हैं। इसके साथ ही शहर के श्रीराम मंदिर, व्यंकटेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से विशेष आराधना और पूजा-अर्चना कर भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा। ठीक दोपहर 12 बजे प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ और पालने में बैठाकर महाआरती की गई।
वहीं श्रीराम जन्मोत्सव की खुशी के साथ रेलवे में दक्षिण भारतीय परंपरा से कल्याणम् (विवाह) होगा। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के फूलों से भगवान का अभिषेक होगा। यहां चार दिवसीय राम जन्मोत्सव मनाने की परंपरा है। इधर, प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव को लेकर न्यायधानी सज चुका है। व्यंकटेश मंदिर से भव्य शोभायात्रा भी निकलेगी।