• breaking
  • Chhattisgarh
  • जूनियर डॉक्टरों ने 20 फरवरी तक टाली हड़ताल, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद डीन को सौंपी चिट्‌ठी

जूनियर डॉक्टरों ने 20 फरवरी तक टाली हड़ताल, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद डीन को सौंपी चिट्‌ठी

2 years ago
90

Madhya Pradesh Nearly 3000 Doctors Resign After Court Says Strike Illegal - मध्यप्रदेशः हाईकोर्ट ने कहा- 24 घंटे में काम पर लौटें, करीब 3000 डॉक्टरों ने एक साथ दे दिया इस्तीफा ...

रायपुर, 25 जनवरी 2023/ छत्तीसगढ़ में पिछले छह दिनों से चल रही जूनिअर-रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल टाल दी गई है। बेहतर स्टाइपेंड की मांग को लेकर आंदोलित जूनिअर डॉक्टरों ने बुधवार को हड़ताल वापसी का पत्र मेडिकल कॉलेज के डीन को सौंप दिया। इसमें कहा गया है, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद 20 फरवरी तक के लिए इसे स्थगित किया जा रहा है।

जूनिअर डॉक्टर्स एसोशिएसन की ओर से बुधवार 12.30 बजे भेजे गए पत्र में कहा गया, पिछले चार साल से मानदेय में वृद्धि नहीं होने से पैदा विसंगतियों के खिलाफ वे लोग हड़ताल पर थे। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी ने हमारी मांगों का संज्ञान लेकर उसपर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। इस आश्वासन का सम्मान करते हुए हम लोग अपनी हड़ताल को 20 फरवरी तक के लिए स्थगित करते हैं। जूनिअर डॉक्टरों का कहना है कि उनको उम्मीद है तक तब तक सरकार इसपर औपचारिक कार्यवाही कर लेगा।

एसोशिएसन ने हड़ताल में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की भी मंशा जताई है। बताया जा रहा है, हड़ताल वापसी की भूमिका मंगलवार शाम को ही बन गई थी। उस समय कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष नेता सुशील आनंद शुक्ला और कांग्रेस चिकित्सा विभाग व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश गुप्ता हड़ताल डॉक्टरों से मिलने मेडिकल कॉलेज परिसर पहुंचे थे। नेताओं से चर्चा के बाद हड़ताल स्थगित करने का मन बन गया। पिछले सात दिनों से प्रदेश के तीन हजार जूनिअर डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में काम छोड़कर बैठे थे। वे ना तो ओपीडी में बैठ रहे थे और ना ही किसी तरह की आपातकालीन सेवा में काम कर रहे थे।

इस वजह से हड़ताल

जूनिअर डॉक्टर्स एसोसिएशन का कहना था, पिछले चार साल से उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ा है। पड़ोसी राज्यों एमपी, झारखंड में यहां से अधिक स्टाइपेंड है। दूसरे प्रदेशों में जहां 90 हजार रुपए तक मिलता है। वहीं छत्तीसगढ़ में 50.55 हजार रुपये ही मिलते हैं। किसी भी प्रदेश में 4 साल के बॉन्ड नहीं भरवाए जाते। केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है। इस वजह से मजबूरन अब हड़ताल का कदम उठाना पड़ा।

Social Share

Advertisement