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मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों की बढ़ेगी आमदनी, कैबिनेट की बैठक में लागू होगी ये स्कीम
रायपुर, 22 दिसंबर 2022/ मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने पांच वर्ष के भीतर दो लाख एकड़ निजी भूमि पर इमारती व औषधीय वृक्ष तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य जंगलों पर दवाब करना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है। पौधों के रोपण के लिए सरकार किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी तो देगी है, साथ ही तीन वर्ष तक प्रति एकड़ 10 हजार रुपये बोनस भी देगी। सरकार तैयार पेड़ों की लकड़ी, छाल आदि बिकवाने की गारंटी भी लेगी।
टिश्यू कल्चर पद्धति के आधार पर सागौन, शीशम, बांस, ग्राफ्टेड आंवला, चंदन जैसी इमारती व महंगी लकड़ियों वाले पेड़ों के पौधे लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी। इस योजना के लिए फिलहाल 100 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया गया है। यदि कोई किसान अपनी एक एकड़ भूमि पर एक लाख रुपये खर्च करके पौधे लगाता है तो सरकार भी उसे एक लाख रुपये बतौर सब्सिडी देगी। तैयार पेड़ों की लकड़ी, छाल आदि बिकवाने व निर्यात के लिए वन विभाग देश-विदेश की कंपनियों के साथ मिलकर किसानों से एमओयू करेगा। इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है।
प्राकृतिक पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं
शासन ने निजी भूमि पर कृ षिके रूप में रोपित और प्राकृतिक रूप से उगे पेड़ों की कटाई के नियमों का सरलीकरण भी कर दिया है। इसके अनुसार अब भूमिस्वामी अपनी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित पेड़ों की कटाई स्वयं करवा सकेंगे। इसके लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें मात्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को इसकी सूचना देनी होगी। भूमिस्वामी वन विभाग से भी पेड़ कटवा सकेंगे। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन प्राप्ति के 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुमति देनी होगी।
60 हजार करोड़ की इमारती लकड़ी का आयात
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में भारत में प्रतिवर्ष विदेश से 60 हजार करोड़ रुपये की इमारती लकड़ी का आयात किया जाता है। छत्तीसगढ़ में इसका दस प्रतिशत हिस्सा आता है। सरकार ने काष्ठ आधारित उद्योगों की स्थापना पर भी काम शुरू किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 दिसंबर गौरव दिवस के अवसर पर राज्य में पेड़ों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभानाओं को देखते हुए यह योजना लागू किए जाने की घोषणा की थी।
छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, इस योजना का उद्देश्य निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहन देकर काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना, किसानों की आय व रोजगार के अवसर को बढ़ाना और जंगलों पर दबाव कम करना है। मुख्यमंत्री ने राज्य में निजी भूमि पर पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रिपरिषद में इस योजना पर मुहर लगेगी।