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रिश्वत लेते डिप्टी कलेक्टर रंगेहाथ गिरफ्तार, बोरवेल का बिल पास कराने के एवज में मांगी थी राशि; ACB की टीम ने पकड़ा
गरियाबंद, 04 नवंबर 2022/ गरियाबंद जनपद पंचायत CEO डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ACB की टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को ACB रायपुर (Anti-Corruption Bureau) की टीम गरियाबंद जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची, जहां डिप्टी कलेक्टर को बोरवेल का बिल पास कराने के एवज में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
ग्राम पंचायत चिखली, मालगांव और मजरकटा में 15वें वित्त से 4 बोरवेल खनन के लिए पहली किस्त 3 लाख निकलवाना था। इसके लिए 20 हजार रुपए की मांग करुण डहरिया ने की थी। कांग्रेस नेता शफीक खान से जनपद पंचायत सीईओ करुण डहरिया ने 30 अक्टूबर ये रकम मांगी थी।
4 नवंबर को कांग्रेस नेता शफीक खान ने पैसा देने की बात कही थी। शफीक खान ने ACB से इस बात की शिकायत की। जिसके बाद ACB ने उसे 20 हजार रुपए देकर जनपद पंचायत CEO करुण डहरिया के पास भेजा। जब शफीक ने अधिकारी को पैसा दिया, तो तुरंत एसीबी अधिकारी वहां पहुंचे और पैसे को जब्त कर करुण डहरिया को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी के 20 अधिकारी 4 गाड़ियों में आज गरियाबंद पहुंचे थे। डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने 7 महीने पहले ही जनपद पंचायत सीईओ के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उनके खिलाफ पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
करुण डहरिया मूल रूप से कोरबा जिले के रहने वाले हैं। वे 2019 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग जांजगीर-चांपा में SDM के रूप में हुई थी। इसके बाद उनका ट्रांसफर पामगढ़ SDM के तौर पर हुआ था। तीसरी पोस्टिंग के तौर पर वे गरियाबंद आए, जहां वे जनपद पंचायत CEO के रूप में कार्यरत हैं।
पहले भी विवादों में रहे हैं करुण डहरिया
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी करुण डहरिया पहले भी विवादों में रह चुके हैं। जब वे जांजगीर-चांपा के पामगढ़ में SDM थे, तब उन्होंने छात्रों का ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया था और उन्हें पुलिस बुलाने की धमकी दी थी। यहां तक कि उन पर छात्रों को थप्पड़ मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा था। ये छात्र पामगढ़ के सबसे पुराने स्कूल के हिंदी माध्यम को बंद नहीं करने की मांग कर रहे थे। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पामगढ़ में हिंदी मीडियम को बंद कर यहां स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने को लेकर यहां के छात्र एसडीएम करुण डहरिया के पास आए थे।
इससे पहले जब चंडीपारा हल्का के पटवारी को बिना किसी शिकायत के हटाने पर सरपंच, उपसरपंच व पंचगण सहित गांववाले ज्ञापन सौंपने गए थे, तो उन्होंने अड़ियल रवैया अपनाया था। सभी पटवारी को नहीं हटाए जाने को लेकर ज्ञापन सौंपने गए थे, लेकिन तत्कालीन SDM रहे करुण डहरिया ने उसे लेने से ही इनकार कर दिया था।
राज्यपाल के नाम का ज्ञापन नहीं लेना अनुचित
राज्यपाल के नाम से कोई भी ज्ञापन नहीं लेना अनुचित ठहराते हुए लोगों ने उनके रवैये का विरोध भी किया था। ज्ञापन के आधार पर राज्यपाल द्वारा भी कार्रवाई की जाती, लेकिन तत्कालीन SDM करुण डहरिया ने ज्ञापन लिया ही नहीं था।