• breaking
  • Chhattisgarh
  • छत्तीसगढ़ में दो नए पुरस्कार: गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा, पर्यावरणविद अनुपम मिश्र और रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर अवॉर्ड

छत्तीसगढ़ में दो नए पुरस्कार: गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा, पर्यावरणविद अनुपम मिश्र और रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर अवॉर्ड

2 years ago
94

पर्यावरणविद अनुपम मिश्र और रंगकर्मी हबीब तनवीर के नाम पर पुरस्कार, गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा | Two new awards will be started in Chhattisgarh: Award in ...

रायपुर, 02 अक्टूबर 2022/ छत्तीसगढ़ में इस साल से दो नए पुरस्कार शुरू हो रहे हैं। यह पुरस्कार पर्यावरणविद अनुपम मिश्र और रंगकर्मी हबीब तनवीर की स्मृति में दिया जाएगा। महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित सरकारी समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा, वॉटर रिचार्जिंग के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले व्यक्ति और संस्था को ‘अनुपम मिश्र पुरस्कार’ दिया जाएगा। वहीं छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध रंगकर्मी ‘हबीब तनवीर’ के नाम पर भी पुरस्कार दिया जाएगा।

राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में संस्कृति विभाग ने ‘गांधी, युवा और नए भारत की चुनौतियां’ विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आशीष सिंह की लिखित पुस्तक ‘सोनाखान 1857‘ और आमिर हाशमी की पुस्तक ‘जोहार गांधी‘ का विमोचन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, पूरी दुनिया में जितनी भी क्रांति हुई है, वह युवाओं से हुई है, अन्याय के विरुद्ध प्रतिशोध की भावना जागृत हुई, परिवर्तन की अलख जगी। गांधी जी ने स्वावलंबन, प्रेम, सत्य, अहिंसा का रास्ता दिखाया और आजादी दिलाई। पुस्तक ‘जोहार गांधी‘ का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, गांधी जी ने वस्त्र इसलिए त्यागे क्योंकि उन्होंने हिन्दुस्तान की न्यूनतम आवश्यकताओं की परंपरा का निर्वहन किया। अगर आगे बढ़ना है तो हमें भी न्यूनतम आवश्यकताएं रखनी चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि अपना समय और ऊर्जा नये विचारों और कामों के लिए खर्च करें। गांधी जी चाहते थे युवा आत्मनिर्भर बनें, स्वावलंबी बनें, आगे बढ़ें, इन्हीं विचारों को लेकर गांधी जी भी आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि गांधी ने अहिंसा, सत्य और प्रेम से लड़ाई लड़ी। मेहनत और समर्पण से स्व-रोजगार गढ़कर स्वावलंबी बनना गांधी जी का रास्ता है। गांधी जयंती कार्यक्रम में महात्मा गांधी के जीवन और कृतित्व पर व्यक्तव्य हुए।

बालोद के युवा किसान का अनुभव साझा किया

मुख्यमंत्री ने कहा, गांधी जी ने जरूरतमंद और पीड़ित मानवता की सेवा का रास्ता दिखाया। जीवन का अनुभव पुस्तक के ज्ञान पर भी भारी पड़ता। मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात के दौरान मिले बालोद के युवा किसान दिव्यांग धुर्वे का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, दिव्यांग अपने 9-10 एकड़ खेत में जैविक खेती कर बेहतर आजीविका कमा रहा है। मेहनत ही गांधी जी का बताया रास्ता है। उन्होंने कहा कि मेहनतकश स्व-सहायता समूहों की बहनों के चेहरे पर जो आत्मविश्वास का भाव है, वह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।

सामाजिक-आर्थिक आजादी हासिल करना बाकी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि गांधी जी ने कर्म और श्रम का सम्मान किया। वे किसानों के बीच जाकर खेतों में काम करते थे, चरखा चलाकर उन्होंने बुनकर का सम्मान किया। चमड़े से जूते बनाये, मैला साफ किया। इसी तरह गांधी जी ने मेहनत और श्रम का सम्मान किया। श्रम के सम्मान से लाखों-करोड़ों लोग जुड़े और एकजुट होकर खड़े हुए, जिन्हें हराना मुश्किल था। हमें सामाजिक और आर्थिक रूप से आजादी प्राप्त करना अभी बाकी हैं।

विशेषज्ञों ने भी रखी अपनी बात

परिचर्चा में नई दिल्ली के डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के अध्यक्ष अशोक खोसला ने कहा, हम युवाओं के लिए कैसा भविष्य बना सकते हैं, यह गांधी हमें बताते हैं। उनके विचारों पर अमल करके हम स्वावलंबी और एक आदर्श समाज की स्थापना कर सकते हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन दिल्ली के निदेशक डॉ. विजय महाजन ने युवाओं को स्पोर्ट्स, स्वरोजगार, सद्भावना और संस्कृति के पुनरउत्थान के लिए प्रेरित करते हुए जल, जंगल जमीन और संसाधनों को सहेजने की दिशा में क्रियान्वित योजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की प्रशंसा की। कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल अरुण साहनी, आईका चतुर्वेदी और डॉ. विभा गुप्ता ने भी अपनी बात रखी।

Social Share

Advertisement