नवरात्रि विशेष शक्ति की साधना सफल करने के लिए 9 दिन तक कर सकते हैं दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप
इस बार मां दुर्गा अश्व पर सवार होकर आ रही हैं और नवरात्रि पूरे 9 दिन होने के चलते पूरा संयोग ही बेहद शुभ साबित होने वाला है। क्योंकि जब भी 9 दिन नवरात्रि मनाई जाती है, तो ये दिन शक्ति की उपासना के लिए बेहद शुभ होते हैं। देश में खुशहाली और समृद्धि के भी संकेत हैं। लेकिन मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने के लिए ग्रंथों में देवी मंत्र का जाप करने की परंपरा बताई है। आइए जानते हैं उस खास मंत्र के बारे में जो नवरात्रि की साधना को सफल बनाएगा।
देवी की प्रसन्नता के लिए इस मंत्र का जाप
मान्यता है कि नवरात्रि में मां का नाम लेने भर से ही भक्तों के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस तरह से यदि विधि-विधान के साथ मां की पूजा-आराधना की जाए तो साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से अभीष्ट कार्य की सिद्धि होती है और पूजा का कई गुना फल मिलता है।
विद्वानों का कहना है कि सप्तशती के मंत्रों का नवरात्रि के नौ दिनों या किसी एक दिन उच्चारण करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्त की व्याधि, रोग, पीड़ा और दरिद्रता को नष्ट कर भक्त को उत्तम स्वास्थ्य और धन संपत्ति का वरदान देती हैं।
दुर्गा सप्तशती में इस मंत्र का उल्लेख मिलता है इसलिए 9 दिनों तक विधिवत इस मंत्र का जाप 9, 108 या इससे ज्यादा बार किया जा सकता है।
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै:स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दरिद्रायदु:खभयहारिणी का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाSर्द्रचित्ता।।
मंत्र का अर्थ
मां दुर्गा, आपका स्मरण करने पर आप सभी प्राणियों का भय हरती हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान करती हैं। स्वस्थ मनुष्यों द्वारा चिंतन करने पर उनको परम कल्याणमयी बुद्धि देती हैं। दुःख, दरिद्रता और भय हरने वाली हे देवी मां आपके सिवा हमारा दूसरा कौन है, जिनका चित्त, मन सभी का उपकार करने के लिए सदा ही दया से भरा रहता हो। अत: इस मंत्र का जप करने वाला अपने समस्त रोग, व्याधि, जरा, पीड़ा, दुःख, दरिद्रता से मुक्ति पाता है। इस मंत्र का सम्पुट लगाकर नौ चंडी का पाठ घर में नवरात्रि में कराने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति होने की मान्यता है और माता की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
महा अष्टमी का व्रत: 9 अप्रैल को अष्टमी है। दुर्गा जी का प्रस्थान सोमवार 11 अप्रैल दशमी तिथि को महिष वाहन से होगा। देवी आराधना से शांति और समस्त रोगों से मुक्ति मिलेगी अत: पूरे मनोयोग से शक्ति के महापर्व को मनाएं।