सशक्तिकरण की भरती उड़ान, भारतीय राजनीति में इन महिलाओं ने लिखा अलग इतिहास
08 मार्च 2022/ हर साल 8 मार्च को महिलाओं को सशक्त करने और समाज में उनके अधिकारों से लेकर भागीदारी तक को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है। इस खास दिन का उद्देश्य ही समाज में महिलाओं (Womens) का विकास और उनका उत्थान करना है। सिर्फ राजनीति के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समाजिक, आर्थिक क्षेत्रों में भी उनकी एक से बढ़कर एक उपलब्धि रही है। आज जब भी संसद में चर्चा होती है तो समाज में महिलाओं की भागीदारी पर सरकार भी जोर देती है।
यहां हम राजनीति की उन शीर्ष महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपना एक अलग मुकाम बनाया है और इतिहास के पन्नों पर अपनी कहानी को भी लिखकर अन्य महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए हमेशा ही प्रेरित किया है। यहां इस आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं उन 4 महिलाओं के बारे में, जिनका राजनीति में अपना अलग महत्व है और कई महिलाएं उनकी तरह बनने का सपना भी देखती है।
इस महिला दिवस पर हम बात करे रहे हैं सबसे पहले केंद्रीय राजनीतिक की सबसे वरिष्ठ नेता और पार्टी नेतृत्व करने वालीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की। देश की राजनीति एक दशक से अधिक समय से सोनिया गांधी के इर्द-गिर्द घूमती रही है। सोनिया फिलहाल रायबरेली से सांसद हैं। वह इटली के एक छोटे से गांव में जन्मी थी और अभी भी भारत की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। 2004 के चुनाव में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। इसी कड़ी में उनकी बेटी प्रियंका की भी बात करना जरूरी हो जाता है। जो आज की राजनीति में सक्रिय हैं और भाई राहुल गांधी की तरह प्रियंका भी नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभा रही हैं। यूपी चुनाव के लिए वोट मांगी।
वहीं दूसरी तरफ बात उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम कद रखने वालीं मायावती हैं। पिछड़ों और दलितों को अपना आधार बनाकर राजनीति की शुरुआत की। आप बेशक यूपी की राजनीति में कोई करिश्मा नहीं दिखता हो लेकिन। एक दलित परिवार की बेटी हैं, जिसमें आईएएस बनने का सपना देखा और राजनीति में अलग पहचान बनाई और उत्तर प्रदेश की सीएम रहीं। महिला दिवस पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की बात करना भी बहुत जरूरी हो जाता है। वर्तमान में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी टीएमसी पार्टी की प्रमुख हैं। उनका जन्म 1955 में कोलकाता में हुआ। लेकिन उन्होंने केंद्र की राजनीति में भी अहम भूमिका निभाई है। राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1970 में की थी।