CBI ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर 20 को हिरासत में लिया, ‘ओनली चाइल्ड सेक्स वीडियोज’ नाम से बना रखा था वॉट्सऐप ग्रुप
सबसे ज्यादा केस तमिलनाडु और बिहार में दर्ज
14 नवंबर को इस मामले में 83 आरोपियों के खिलाफ 23 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए थे। CBI ने मंगलवार को 33 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया, जिसमें तमिलनाडु के 6, बिहार के 5, UP के 4 , राजस्थान- महाराष्ट्र-हरियाणा के 3, ओडिशा-पंजाब के 2 , आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़- दिल्ली- MP और हिमाचल प्रदेश से 1 शख्स शामिल है।
मौजूदा कानून पोर्नोग्राफी रोकने में फेल
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि 2000 में जब सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट बना, उस समय एक्ट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को शामिल ही नहीं किया गया था। 2008 में संशोधन कर इसे जोड़ा गया। इसके निर्माण, पब्लिकेशन व ट्रांसमिशन को लेकर कानून बनाए गए, जिसमें 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान है, जिसकी धाराएं गैर जमानती हैं। सच्चाई यह है कि देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी बहुत ही डिमांडिंग मार्केट हो गया है। इसे मौजूदा कानून के साथ रोकना असंभव है। इसमें बदलाव कर सख्ती लानी होगी।
देश में अमेरिका और कुछ दूसरे देशों में लागू चिल्ड्रेंस ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट (COPPA) जैसे कानून की जरूरत है। जिसमें सख्ती के साथ बच्चों के अधिकार, संरक्षण, लीगल और वेलफेयर से जुड़े बेनिफिट्स शामिल है। कोविड काल के बाद से चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट बढ़े हैं। बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में इजाफा हो रहा है। CBI की कार्रवाई पोर्नोग्राफी रोकने की दिशा में बड़ा प्रयास है।
ओडिशा में CBI टीम को पुलिस ने बचाया
ओडिशा के ढेनकनाल जिले के एक गांव में छापा मारने गई CBI टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। CBI टीम पर यह हमला तब किया गया, जब ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल अब्यूज मैटीरियल से जुड़े मामले में टीम ने एक आदमी के घर में तलाशी लेने की कोशिश की। CBI टीम से मारपीट की सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने उन्हें किसी तरह भीड़ से बचाया।