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CBSE के 10वीं के रिजल्ट पैटर्न में एक्सपर्ट्स ने बताईं खामियां

4 years ago
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CBSE Class 10th Compartment Result 2020: सीबीएसई जल्द जारी करेगा कक्षा 10वीं  कम्पार्टमेंट परीक्षा का रिजल्ट, ऐसे चेक करें स्कोर - Cbse class th  compartment result cbse will declared ...

 

 

 

 

 

नई दिल्ली  03 जून 2021/   CBSE की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद उसके रिजल्ट पैटर्न पर चर्चा तेज हो गई है। एजुकेशन एक्सपर्ट्स ने पहले ही रद्द हो चुकी 10वीं के परीक्षा परिणाम के लिए अपनाए गए पैटर्न में खामियां गिनानी शुरू कर दी हैं। उनका कहना है कि 12वीं के रिजल्ट में इस पैटर्न को लागू नहीं किया जा सकता। इससे हायर स्टडी के लिए प्लान बना रहे स्टूडेंट्स को काफी नुकसान हो सकता है।

PM ने 1 जून को परीक्षा रद्द की थी
इससे पहले कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार यानी 1 जून को देशभर में 12वीं बोर्ड के एग्जाम कैंसिल कर दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा के साथ कहा था कि 12वीं का रिजल्ट तय समय सीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टूडेंट्स का असेसमेंट किस आधार पर होगा।

इंटरनल असेसमेंट से 10वीं का रिजल्ट तैयार होगा
10वीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द कर दी गई हैं। इसका रिजल्ट तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय शिक्षकों की टीम का गठन हर स्कूल में किया गया है। ये टीम भी इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 10वीं का रिजल्ट तैयार करेगी।

यूनिट टेस्ट और मिड टर्म सभी स्कूलों में एक जैसे नहीं
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सभी स्कूलों में यूनिट टेस्ट और मिड टर्म एग्जाम के लिए एक समान आधार नहीं हैं। कुछ स्कूलों में बोर्ड परीक्षा की तुलना में ज्यादा सख्ती से यूनिट टेस्ट और प्री-बोर्ड एग्जाम कराए जाते हैं, जबकि कई स्कूल इनमें रियायत बरतते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

  • द इंडियन स्कूल की प्रिंसिपल तानिया जोशी ने बताया कि हमें सिर्फ दो अंक ही प्लस या माइनस करने की इजाजत दी गई है। इससे हाई स्कोर अचीव करने वाले छात्रों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि इंटरनल एग्जाम में बोर्ड की तुलना में अधिक सख्ती से मार्किंग की जाती है। हमारे पिछले डेटा से पता चलता है कि 80 अंकों के पेपर में प्री-बोर्ड परीक्षा की तुलना में ज्यादा स्टूडेंट्स 70-80% की सीमा में स्कोर करते हैं।
  • जोशी ने मानकीकरण की समस्या के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि स्कूलों में रिफरेंस ईयर के मुताबिक इस साल भी अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग कैटेगरी में छात्रों की संख्या समान हो सकती है। यानी अगर रिफरेंस ईयर में 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या 10 थी, तो इस साल भी 90% से अधिक स्कोर बैंड में 10 से अधिक छात्र नहीं हो सकते।
  • पुष्प विहार में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल अमीता मोहन ने कहा कि मॉडरेशन पॉलिसी आवश्यक है। ऐसे मामले भी हैं, जहां एक छात्र ने अपने प्री-बोर्ड में 33% अंक प्राप्त किए, लेकिन बोर्ड परीक्षा में उसने 65-70% तक मार्क्स प्राप्त किए। इसलिए हमारी सिफारिश है कि नंबर बढ़ाने या घटाने की लिमिट 2 से बढ़ाकर 4 करनी चाहिए।
  • RGPV सूरजमल विहार के प्रिंसिपल आरपी सिंह ने कहा कि मॉडरेशन नीति लंबे समय से चल रही है। मेरी निजी राय है कि बोर्ड के परिणामों के लिए कक्षा 11 के परिणामों पर विचार किया जाना चाहिए। जहां तक कक्षा 10 के अंकों पर विचार करने की बात है, तो CBSE को 12वीं के रिजल्ट के लिए 10वीं के मुख्य विषयों पर विचार करना चाहिए।
  • शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की वाइस प्रिंसिपल मीना मित्तल ने कहा कि 10वीं का छात्र अपने प्री-बोर्ड को 12वीं के छात्र की तुलना में अधिक गंभीरता से लेता है, क्योंकि 12वीं के छात्रों को उस दौरान विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना पड़ता है। यदि हम प्री-बोर्ड परीक्षाओं को 40% वेटेज देते हैं, तो स्कूल के परिणाम के साथ हाई स्कोर अचीव करने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी प्रभावित होगा। इसलिए स्कूल 12वीं के लिए 10वीं के मूल्यांकन पैटर्न को नहीं अपना सकते हैं।

फिलहाल 12वीं के लिए इन 4 फॉर्मूलों पर विचार

  1. छात्रों के रिजल्ट का मूल्यांकन उनके पिछले 3 साल के परफॉर्मेंस के आधार पर होगा। यानी 9वीं, 10वीं और 11वीं के रिजल्ट को आधार बनाया जा सकता है।
  2. 10वीं की तरह ही 12वीं के लिए भी ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया तैयार किया जाएगा। कोई स्टूडेंट इंटरनल असेसमेंट के बेस पर रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है तो उसे एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए कोरोना से बिगड़े हालात ठीक होने का इंतजार किया जाएगा।
  3. 10वीं बोर्ड के रिजल्ट और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों का रिजल्ट तैयार हो सकता है।
  4. 11वीं और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा सकता है।
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