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  • देश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार : अप्रैल में रोज 29 लाख टीके लगे, मई में सिर्फ 18.2 लाख; यानी 37% कम; रोजाना लगने वाले डोज 11 लाख तक कम हुए

देश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार : अप्रैल में रोज 29 लाख टीके लगे, मई में सिर्फ 18.2 लाख; यानी 37% कम; रोजाना लगने वाले डोज 11 लाख तक कम हुए

4 years ago
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People s fear and technical problems may be cause of low COVID-19  vaccination says experts - एक्सपर्ट्स बोले- लोगों की आशंकाएं और तकनीकी  समस्याएं हो सकती हैं COVID-19 टीकाकरण की धीमी ...

 

 

नई दिल्ली, 29 मई 2021/   देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हुई। इसके बाद फरवरी, मार्च और अप्रैल में वैक्सीनेशन की औसत रफ्तार ठीक रही। लेकिन, मई में पहला डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या घट गई। इस महीने 37% डोज कम लग पाए। इसी धीमी गति से टीके लगे तो देश की 70% आबादी को टीका लगाने का लक्ष्य पाना मुश्किल होगा।

दिसंबर तक 108 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का दावा
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि देश के 108 करोड़ लोगों को दिसंबर 2021 तक दोनों डोज लगा देंगे। इधर, टाइम मैग्जीन का दावा है कि भारत सरकार ने टीकों का ऑर्डर देने में बहुत देर कर दी। सरकार ने जनवरी में सीरम से 1.1 करोड़, भारत बायोटेक से 55 लाख डोज खरीदे।

राज्यों के पास टीकों का संकट
सरकार ने फरवरी में सीरम को 2.1 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया। मार्च में 11 करोड़ डोज का ऑर्डर और दे दिया। फिर भी यह संख्या कम थी। इसलिए लोग टीकाकरण केंद्र जाने में बचे। विदेश से टीका खरीदी का जिम्मा राज्यों के पास जाने से भी टीकों का संकट रहा।

वैक्सीनेशन को लेकर क्या स्थिति है?

  • अप्रैल में केंद्र ने जो पॉलिसी बनाई है, उसके मुताबिक देश में बनने वाले आधे वैक्सीन डोज ही केंद्र सरकार खरीदेगी। बाकी बचे वैक्सीन डोज राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों में जाएंगे।
  • राज्यों के पास इस समय वैक्सीन डोज नहीं हैं। इसी वजह से महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली समेत कुछ राज्यों ने 18-44 वर्ष ग्रुप को वैक्सीनेट करने की योजना टालनी शुरू कर दी है।
  • प्रोडक्शन और सप्लाई गैप का एक संभावित जवाब हो सकता है- प्राइवेट सेक्टर का कोटा। यानी कुल प्रोडक्शन का एक-चौथाई हिस्सा प्राइवेट अस्पतालों के रास्ते लोगों तक पहुंचना था। कई कारणों से अस्पतालों की मैन्युफैक्चरर्स के साथ डील नहीं हो सकी है। इस वजह से इसमें देरी हो रही है।
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