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कोरोना की दूसरी लहर बच्चों के लिए आफत : 5 हजार से ज्यादा संक्रमित, पहली लहर में 11 सौ में सिमटी थी संख्या

4 years ago
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कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को है ज्यादा खतरा! जानिए कैसे कर सकते हैं  बचाव और क्या है जरूरी | third wave of corona pandemic may affect the  children know how

 

 

 

रायपुर, 12 मई 2021/    कोरोना की दूसरी लहर राजधानी के बच्चों के लिए भी आफत बनकर आई। पहली लहर में रायपुर शहर में चौदह साल तक के 1192 बच्चे ही संक्रमित हुए थे। दूसरी लहर में अब तक 5 हजार से ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। दूसरी लहर का पीक हाल ही में गुजरा है। ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजधानी में पिछले साल सितंबर के पीक के दौरान कुल संक्रमितों में 14 साल से कम उम्र के करीब 5.3 फीसदी बच्चे संक्रमण की जद में आए थे। उनकी संख्या संख्या बारह सौ कम ही रही, जबकि दूसरी लहर के पीके दौरान अप्रैल में मिले कुल 75,138 केस में 5,635 बच्चे पॉजिटिव निकल। इन सभी की उम्र 14 साल से कम है। विशेषज्ञों का कहना है आंकड़ों से ही स्पष्ट है कि दूसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं। बच्चों में संक्रमण का फैलाव 5.3 से बढ़कर 7.5 प्रतिशत यानी लगभग दो फीसदी बढ़ गया है।

डाक्टरों के मुताबिक हालात को देखते हुए तीसरी लहर की तैयारियों में बच्चों के लिहाज से जरूरी इंतजाम करने होंगे। इस दिशा में फोकस बढ़ाया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी प्रमुख सचिव डॉ. अलोक शुक्ला के मुताबिक तीसरी लहर के लिए जिन जिन बातों को लेकर जानकारों ने आशंकाएं जताई हैं उन सभी की व्यवस्था की जा रही है। इसमें बच्चों के संक्रमण को लेकर भी खास तरह की तैयारियों पर विभाग का फोकस है।

जनवरी से अप्रैल के बीच 6 हजार बच्चे घर में ठीक

राजधानी में कोरोना के इलाज का अब तक का जो ट्रेंड रहा है, जिसके तहत ज्यादातर मरीज घर में ही स्वस्थ होते हैं। उसी तरह का ट्रेंड बच्चों में भी देखने को मिला है। रायपुर में इस साल जनवरी से 30 अप्रैल के बीच कुल 97427 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। जिनमें बच्चों की संख्या 73 सौ से ज्यादा रही है। 14 साल से कम उम्र के 7,307 बच्चों में से 6 हजार बच्चे होम आइसोलेशन यानी घर पर रहकर स्वस्थ हो चुके हैं। ज्यादातर ऐसे बच्चे ही अस्पताल में गए जो माता या पिता या दोनों के साथ संक्रमित रहे और उनके माता-पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारों के मुताबिक कोरोना को लेकर बच्चों के रिकवरी रेट भी काफी अच्छा रहा है।

अब तक 14 हजार पॉजिटिव

केवल राजधानी में पहली और दूसरी लहर में करीब 14 हजार बच्चे संक्रमित हुए हैं। पहली लहर के पीक के दौरान कुल केस के 5.3 प्रतिशत पॉजिटिव होने वाले बच्चों की उम्र 14 साल से कम रही है। जबकि दूसरी लहर के पीक में ये आंकड़ा 2.2 प्रतिशत और बढ़ गया। रायपुर में पूरे कोरोना काल की दोनों लहरों के दौरान कुल संक्रमित 1.50 लाख मरीजों में करीब 8 प्रतिशत बच्चे पॉजिटिव रहे हैं।

एक्सपर्ट व्यू- डॉ. ओपी सुंदरानी इंचार्ज, क्रिटिकल केयर, डॉ. अंबेडकर

रायपुर में दोनों लहरों के पीक में देखें तो बच्चों में संक्रमण के आंकड़ों में अंतर है, पर ज्यादा बड़ा नहीं है। दो फीसदी को बड़ा अंतर नहीं मान सकते, लेकिन तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की आशंका इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अभी तक कोई तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, इसलिए आशंका है कि वे संक्रमण की जद में ज्यादा आ सकते हैं। अभिभावकों को अभी से बच्चों को कड़ाई से कोरोना के अनुरूप व्यवहार करने की आदत डालना चाहिए, इस बीमारी के गंभीर परिणामों के बारे में उन्हें बताना भी जरूरी है।

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