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4 राज्यों में हार से सोनिया परेशान : CWC में सोनिया बोलीं- व्यवस्थाएं सही करनी होंगी, अगर सच्चाई से मुंह फेरा तो सही सबक नहीं मिलेगा

4 years ago
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सोनिया गांधी ने कहा कि मैं एक ग्रुप बनाना चाहती हूं, जो इस हार के हर पहलू पर विचार करेगा। हमें ये समझना होगा कि केरल और असम में क्यों हारे। बंगाल में हमारे हाथ कुछ भी क्यों नहीं लगा। - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

नई दिल्ली, 10 मई 2021/    कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की सोमवार को हुई बैठक में 4 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर चर्च हुई। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हार पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा इस हार पर ध्यान देना होगा। अगर सच्चाई से मुंह फेरा तो सही सबक नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मैं एक ग्रुप बनाना चाहती हूं, जो इस हार के हर पहलू पर विचार करेगा। हमें ये समझना होगा कि केरल और असम में क्यों हारे। बंगाल में हमारे हाथ कुछ भी क्यों नहीं लगा। ये कड़वे अध्याय हैं, लेकिन हम सच का सामना नहीं करेंगे, सही तथ्यों को नजरंदाज करेंगे तो सही सबक हासिल नहीं कर पाएंगे।

जून में चुना जा सकता है कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया ने कहा कि अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी CWC में चर्चा हुई है। हालांकि, उन्होंने तारीखों के बारे में नहीं बताया। इस बीच, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अध्यक्ष पद के चुनावों की तारीखें तय हो गई हैं। रिपोर्ट्स में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हवाले से बताया गया कि चुनाव 23 जून को होंगे।

मोदी सरकार पर भी नाराज हुईं सोनिया
सोनिया गांधी ने कहा कि महामारी बदतर होती जा रही है और सरकार लगातार विफल हो रही है। जनता मोदी सरकार की लापरवाहियों का खामियाजा भुगत रही है। मोदी सरकार ने वैज्ञानिक सलाह को नजरंदाज किया है। सरकार ने अपने फायदे के लिए लगातार सुपर स्प्रेडर इवेंट्स को मंजूरी दी।

2019 में राहुल ने इस्तीफा दिया, सोनिया कार्यकारी अध्यक्ष बनीं
इससे पहले 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी ने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष फिर से पार्टी की कमान संभाली थी। इसके बाद से ही कांग्रेस नेताओं का एक गुट फुलटाइम और एक्टिव प्रेसिडेंट चुनने की मांग कर रहा है। वहीं, गांधी परिवार से अलग अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठती रही है।

कांग्रेस में कामकाज के तरीके पर सवाल उठे थे
पिछले साल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि फाइव स्टार कल्चर से चुनाव नहीं जीते जा सकते। आज नेताओं के साथ यह दिक्कत है कि अगर उन्हें टिकट मिल जाता है तो वे सबसे पहले फाइव स्टार होटल बुक करते हैं। अगर सड़क खराब है तो वे उस पर नहीं जाएंगे।

आजाद ने कहा था कि जब तक इस कल्चर को छोड़ नहीं दिया जाता, तब तक कोई चुनाव नहीं जीता जा सकता। पिछले 72 साल में कांग्रेस सबसे निचले पायदान पर है। कांग्रेस के पास पिछले दो कार्यकाल के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद भी नहीं है।

कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी थी
वहीं, पार्टी से नाराज 23 नेताओं ने इस मसले पर सोनिया गांधी को चिट्‌ठी भी लिखी थी। इनमें कपिल सिब्बल के साथ गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। चिट्ठी में पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की गई थी। इस चिट्‌ठी में नेताओं ने सोनिया गांधी से ऐसी फुल टाइम लीडरशिप की मांग की थी, जो फील्ड में एक्टिव रहे और उसका असर भी दिखे।

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