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फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में रायपुर के प्रांजल
रायपुर, 23 अप्रैल 2021/ फोर्ब्स की 30 अंडर 30 एशिया 2021 लिस्ट में रायपुर के प्रांजल गोस्वामी को भी जगह मिली है। अवंति विहार में रहने वाले 28 साल के प्रांजल का नाम उनके साथी नमन अग्रवाल के साथ एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी कैटेगरी में शामिल किया गया है। IIT खड़गपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में B.Tech करने वाले प्रांजल ने 2017 में भोपाल में रहने वाले अपने दोस्त नमन के साथ बेंगलुरु में ‘सुपरसेट’ नाम से जॉब प्लेसमेंट प्लेटफॉर्म शुरू किया था। इस स्टार्टअप से वे देश के काबिल युवाओं, ग्रेजुएट्स को देश-दुनिया की नामी कंपनियों, एम्प्लॉयर से कनेक्ट करवाते हैं।
इस जोड़ी से अब तक 450 से ज्यादा यूनिवर्सिटी और 1800 से ज्यादा कंपनी, एम्प्लाॅयर जुड़ चुके हैं। इसमें कैपजेमिनी, HDFC जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं। अब तक 18 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स उनके प्लेटफाॅर्म पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, जिसमें से 12 लाख से ज्यादा स्टूडेंट वर्तमान में एक्टिव हैं। प्रांजल ने दावा किया कि उनके प्लेटफाॅर्म के जरिए पिछले चार सालों में 4.5 लाख ग्रेजुएट्स काे जाॅब मिल चुका है।
मिल चुकी है 10 करोड़ की फंडिंग
प्रांजल ने बताया, शुरुआत में मैंने और नमन ने अपनी सैलरी से पैसे बचाकर स्टार्टअप में लगाए। हर छह महीने में विश्वास डगमगाने लगता, तब हम दोनों एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते। शुरुआती सफलता के बाद कारण खेमका, श्रीकांत नाधामुनि, अतुल गोयल ने हमारी कंपनी में इन्वेस्टमेंट किया। अब तक हमें ब्लूम वेंचर्स और एंजेल इन्वेस्टर्स से 10 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग मिल चुकी है।
कोरोनाकाल में बनाया नया सिस्टम, रोज हो रहे 6500 इंटरव्यू
प्रांजल ने बताया, ज्यादातर कंपनियां संस्थान जाकर प्लेसमेंट कंडक्ट करती थीं। कोरोना ने अचानक सब बदल दिया। प्लेसमेंट ऑनलाइन होने लगे। कंपनियों की जरूरत के अनुसार हमने महज एक हफ्ते में ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया, जिससे वीडियो कॉल से इंटरव्यू हो सके। अब इसी प्लेटफॉर्म से रोज औसतन 6500 इंटरव्यू कंडक्ट होते हैं। प्रांजल की पूरी टीम मार्च 2020 यानी पिछले एक साल से वर्क फ्रॉम होम पर है।
प्लेसमेंट के दौरान महसूस हुआ गैप, शुरू कर दिया स्टार्टअप
प्रांजल ने बताया, मैं 2014 में ग्रेजुएट हुआ। प्लेसमेंट के दौरान महसूस हुआ कि इस प्राेसेस में बहुत गैप है। IIT खड़गपुर नामी संस्थान है, वहां ढेरों कंपनियां जॉब के लिए जाती हैं, लेकिन छोटे शहरों में कंपनियां प्लेसमेंट में इंट्रेस्ट नहीं दिखातीं। छाेटे शहराें के टैलेंट काे अच्छे माैके नहीं मिल पाते। ये गैप खत्म करने हमने सुपरसेट शुरू किया।
डेढ़ साल की मेहनत के बाद जुड़ा पहला कॉलेज
प्रांजल ने बताया, ग्रेजुएशन के बाद मैंने खाेसला लैब में जाॅब शुरू कर दी। जॉब के साथ इस प्राेजेक्ट को भी समय देता रहा। जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी से हम अपना आइडिया शेयर करते, वो यही कहते कि कॉन्सेप्ट तो अच्छा है लेकिन और कौन सा संस्थान आपसे जुड़ा है? डेढ़ साल मेहनत के बाद पहला क्लाइंट मिला। IIEST शिबपुर के डायरेक्टर को हमारा आइडिया पसंद आया। फिर मैंने नाैकरी छाेड़ दी और पूरी तरह इसी प्रोजेक्ट में जुट गया। छत्तीसगढ़ का रूंगटा आर वन कॉलेज हमसे जुड़ने वाले शुरुआती पांच कॉलेजों में शामिल हैX। अब हमसे देश के 11 IIM, बिट्स पिलानी जैसे संस्थान जुड़े हैं।
जानिए क्या और कैसे काम करता है इनका स्टार्टअप
स्टार्टअप सुपरसेट काॅलेजाें और जाॅब ऑफर करने वाली कंपनियाें के बीच की कड़ी है। ये काॅलेजाें काे प्लेसमेंट का प्लेटफाॅर्म उपलब्ध करवाता है। वहीं, कंपनियाें काे देशभर के टैलेंटेड युवाओं से कनेक्ट करता है। काॅलेजाें से उनके स्टूडेंट्स की संख्या के आधार पर एनुअल सब्क्रिप्शन फीस लेते हैं और फिर स्टूडेंट्स काे अपने प्लेटफाॅर्म joinsuperset.com पर प्राेफाइल शेयर करने का माैका देते हैं। स्टूडेंट्स से सीधे काेई शुल्क नहीं लिया जाता।
इसी प्लेटफाॅर्म से कई कंपनियां भी जुड़ी हैं। जब कंपनी में कोई वैकेंसी होती है तो वो उसकी डिटेल शेयर करती हैं। वैकेंसी की जानकारी कॉलेजों को भी दी जाती है। कॉलेज ये जानकारी क्रॉस चेक करके स्टूडेंट्स से शेयर करते हैं। वो जॉब के लिए आवेदन करते हैं। इंटरव्यू के बाद काबिल व्यक्ति को जाॅब ऑफर की जाती है। कंपनियां, कॉलेजों में प्लेसमेंट कैंप भी ऑर्गनाइज करती हैं। प्लेटफॉर्म पर सिर्फ वही स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन करवा पाते हैं, जिनका शिक्षण संस्थान सुपरसेट के नेटवर्क से जुड़ा हुआ हो।
2017 में 2 लाख रुपए से शुरू किया स्टार्टअप, अब टर्नओवर 20 करोड़
प्रांजल ने बताया, नमन और मैंने फरवरी 2017 में जब कंपनी शुरू की थी तब लगभग दो लाख रुपए इनवेस्ट किए थे। कोरोना महामारी के बावजूद साल 2020 में कंपनी का टर्नओवर 20 करोड़ रुपए रहा है। हमारा लक्ष्य 2021 तक टर्नओवर 100 करोड़ पहुंचाना है। प्रांजल ने बताया, शुरुआत में हम ही मालिक थे और हम ही नौकर। लगभग चार महीने बाद हमने कंपनी में दो लोगों को जॉब दी। अब 45 लोगों की टीम है। ज्यादातर यंग हैं। टीम की एवरेज एज 29 साल है।