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रायपुर में 4 कंटेनमेंट जोन, प्रदेश में फिर 2400 से ज्यादा संक्रमित, पिछले 3 दिन में 64 मौतें

4 years ago
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रायपुर, 26 मार्च 2021/   पिछले साल के लॉकडाउन के बाद 2021 में एक बार फिर से राजधानी के कई एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस साल का सबसे पहला कंटेनमेंट जोन हीरापुर स्थित अविनाश प्राइड कॉलोनी में बनाया गया, जहां एक साथ 38 कोरोना मरीज निकल गए हैं। यहां सभी की कोरोना जांच की जा रही है। चंगोराभाठा के एक इलाके को भी कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। देर रात तक न्यू राजेंद्रनगर और अमलीडीह को भी कंटेनमेंट घोषित करते हुए इलाके को घेरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

कलेक्टर ने हीरापुर और चंगोराभाठा के चिन्हित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाने का आदेश गुरुवार को जारी किया। प्रशासन ने वहां बोर्ड लगाया और लोगों को आना-जाना बंद करने की हिदायत दी। दोनों ही जगहों पर टेस्टिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग शुक्रवार तक कर ली जाएगी।

वहां लोगों को जरूरी चीजें भी प्रशासन उपलब्ध करवाएगा। इस बीच, शाम होने तक न्यू राजेंद्रनगर और अमलीडीह के बड़े इलाके को भी कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। वहां भी कांटेक्ट ट्रेसिंग भी होगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की सूची बनाकर सैंपल लेगी। संक्रमितों से भी पूछा जा रहा है कि वे किनके संपर्क में आए थे।

दो कंटेनमेंट जोन घेरे गए
शहर में दोपहर में घोषित पहले कंटेनमेंट जोन में सेनिटाइजर का छिड़काव शुरू कर दिया गया। हीरापुर में अपार्टमेंट को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है, जो बाउंड्री से घिरा है, इसलिए मेन गेट ही बंद किया जा रहा है। चंगोराभाठा में 11 कोरोना पॉजीटिव मिले हैं, वहां करीब 250 वर्गमीटर इलाके को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। शाम को घोषित कंटेनमेंट जोन को घेरने के लिए बांस-बल्लियां लगाई जा रही हैं।

कंटेनमेंट जोन में सब बंद
कंटेनमेंट जोन में दुकानें, आफिस और कमर्शियल गतिविधियों को प्रशासन ने पूरी तरह से बंद कर दिया है। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाएंगे। इसकी अनुमति भी सीएमएचओ से लेनी होगी। जरूरत के सामान की होम डिलीवरी के इंतजाम किए जाा रहे हैं। कोई बाहरी व्यक्ति यहां प्रवेश नहीं कर सकेगा। एहतियातन हर कंटेनमेंट जोन के प्रवेश द्वार पर प्रशासन और पुलिस अमला तैनात रहेगा।

निजी अस्पताल में जितने बेड, उसके आधे में होगा ऑक्सीजन सिस्टम
प्राइवेट अस्पतालों को कुल बेड के आधे में ऑक्सीजन सिस्टम लगाना होगा। कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ते देखकर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में निर्देश जारी किया है। हेल्थ डायरेक्टर ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर इस निर्देश का सख्ती से पालन कराने को कहा है। अंबेडकर अस्पताल में भी 500 में 350 बिस्तरों को आक्सीजन सिस्टम वाला करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कॉलेज काउंसिल की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। राजधानी में ही सरकारी, निजी अस्पतालों व कोरोना केयर सेंटरों को मिलाकर 5900 से ज्यादा बेड है।

कोरोना से प्रदेश में 15 और मौतें केवल तीन दिन में 64 जानें गईं
छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2491 नए संक्रमित मिले हैं। गुरुवार को सबसे ज्यादा दुर्ग में 913, जबकि रायपुर में 550 केस मिले हैं। प्रदेश में 15 मौतें हुई हैं। इस तरह, पिछले 72 घंटे में कोरोना ने 64 लोगों की जान ले ली है। रायपुर में पिछले करीब एक साल में 860 मौतें हुई हैं। जहां तक एक्टिव केस यानी अस्पताल-घर में इलाज करवा रहे मरीजों (एक्टिव केस) का सवाल है, 4 हजार से ज्यादा एक्टिव केस के साथ दुर्ग जिला पहले नंबर पर है। प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों में 60 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। प्रदेश में फरवरी 134 और जनवरी में 330 मौत हुई थी।

मार्च में अब तक 180 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं, जिनमें 50 केवल पिछले तीन दिन की हैं। कोरोना डेथ ऑडिट समिति के अध्यक्ष डा. सुभाष पांडे का कहना है कि प्रदेश में कोरोना से मौतों में कोमॉर्बिटिडी यानी मरीज को दूसरी बड़ी बीमारियां होना बड़ा कारण है। जिनकी मौत हो रही हैं, उनमें अधिकांश कैंसर, हार्ट, हाइपरटेंशन, किडनी, ब्रेन हेमरेज, डायबिटीज, एनीमिया, टीबी या एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज भी थे। इसके अलावा, अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर 9.33 प्रतिशत लोगों की जान गई है। जबकि 1 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर और 2 प्रतिशत की मृत्यु 72 घंटे के भीतर हो रही है।

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