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छत्तीसगढ़ शासन के नियमों की अनदेखी, हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं माना
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को नियमित नहीं करने का मामला, 1988 के पहले से जल संसाधन विभाग में हैं कार्यरत
बिलासपुर हाईकोर्ट ने कोरोना काल में 6 माह का अधिकतम समय देकर विभाग को निराकरण करने का दिया था आदेश
बिलासपुर, 23 फरवरी 2021/ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने को लेकर पहले तो जल संसाधन विभाग (DWR) के अफसरों ने छत्तीसगढ़ शासन के नियमों की अनदेखी की। फिर हाईकोर्ट के मामले का निराकरण करने का आदेश भी नहीं माना। इसको लेकर हाईकोर्ट ने DWR के सचिव और कार्यपालन अभियंता (EE) को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल खंडपीठ में हुई है।
राजनांदगांव के छुईखदान निवासी शिवरतन कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि वह जल संसाधन विभाग में साल 1988 के पहले से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। शासन के नियमानुसार नियमित नहीं किए जाने पर उन्होंने विभाग में कई बार आवेदन किया, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शासन को कोरोना काल में 6 माह का अधिकतम समय देकर निराकरण करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता ने दोनों अफसरों को बनाया है पक्षकार
हाईकोर्ट की ओर से दिया गया समय बीत जाने के बाद भी जब कोई कार्यवाही नहीं की गई, तब अभ्यर्थी की ओर से जल संसाधन सचिव अविनाश चंपावत और कार्यपालन अभियंता जी. रामटेके को पक्षकार बनाकर अवमानना याचिका दायर की गई। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों ही अफसरों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। फिलहाल जवाब का समय अभी तय नहीं है। मामले की सुनवाई की तारीख भी बाद में तय होगी।