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छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र कल से : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक मार्च को पेश करेंगे सरकार का वार्षिक बजट

4 years ago
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विधानसभा की परंपरा के अनुसार स्पीकर डॉ. चरणदास महंत सत्र की जानकारी दे रहे थे। - Dainik Bhaskar
राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा सत्र
विधानसभा में 26 मार्च तक होनी है बजट सत्र की बैठकें

 

 

रायपुर,  21 फरवरी 2021/    छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र कल से शुरू हो रहा है। इसमें प्रदेश का वार्षिक बजट पारित होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक मार्च को दोपहर 12.30 बजे वित्तीय वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट पेश करेंगे। इससे पहले वे 23 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2020-21 का तीसरा अनुपूरक बजट पेश करने वाले हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज विधानसभा परिसर में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया, सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे राज्यपाल अनुसूईया उइके के अभिभाषण से होगी। राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव पर चर्चा 25-26 फरवरी को होगी।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने बताया, अभी तक चार पूर्व विधायकों के दिवंगत होने की सूचना मिली है। उनको श्रद्धांजलि दी जाएगी। उन्होंने कहा, उनकी कोशिश है कि 26 मार्च तक सत्र की बैठकें हों ताकि अधिक से अधिक मुद्दों पर चर्चा हो सके। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया, इस सत्र में अभी तक विधायकों ने 2350 प्रश्न पूछे हैं। इनमें से 1226 तारांकित प्रश्न हैं और 1088 अतारांकित प्रश्न। अभी तक विधायकों ने 24 स्थगन प्रस्ताव दिये हैं। 117 ध्यानाकर्षण और 9 अशासकीय संकल्प अभी तक विधानसभा सचिवालय को मिल चुके हैं।

बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया, कोरोना काल में बीते दो सत्रों की तरह इस बार भी परिसर में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दर्शक दीर्घा और अध्यक्षीय दीर्घा को पूरी तरह बंद रखा जाएगा। मंत्रियाें-विधायकों के सुरक्षा अधिकारियाें (PSO) तक को परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी।

इस बार कोरोना की जांच नहीं होगी

विधानसभा में इस बार कोरोना की जांच नहीं होगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, कई विधायकों ने इस पर आपत्ति की थी। वैसे भी बहुत से लोग जांच करा नहीं रहे हैं। हॉल में प्रवेश से पहले विधायकों का टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल जरूर मापा जाएगा। हैंड सैनिटाइजर, मास्क और शारीरिक दूरी का पालन कराने की कोशिश होगी। बैठक व्यवस्था भी दूर-दूर रहेगी। पिछले सत्रों में विधानसभा परिसर में कोरोना जांच के लिए शिविर की व्यवस्था थी। यहां विधायकों के साथ विधानसभा के अधिकारियों कर्मचारियों के भी टेस्ट हुए। हालांकि यह टेस्ट अनिवार्य नहीं थे।

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