टैक्स व्यवस्था : बजट में टैक्स को लेकर हुए ये 5 बड़े बदलाव, इनका आपकी जेब पर होगा सीधा असर
75 साल से ज्यादा उम्र वालों को अब टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी
ऐसे कर्मचारी जो पीएफ में 2.5 लाख रुपए या अधिक का अंशदान करते हैं, उन्हें अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा
नई दिल्ली, 02 फरवरी 2021/ इस बार के बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया गया है। हम आपको ऐसे ही 5 महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में बता रहे हैं जिन्हे जानना आपके लिए जरूरी हो सकता है।
पीएफ पर टैक्स फ्री ब्याज पर लिमिट
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया है। ऐसे कर्मचारी जो पीएफ में 2.5 लाख रुपए या अधिक का अंशदान करते हैं, उन्हें अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। उन्हें मिलने वाले ब्याज को टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा। यह सीमा 1 अप्रैल 2021 को या इसके बाद किए जाने वाले अंशदान पर लागू होगी।
75 साल से ज्यादा उम्र है तो रिटर्न की जरूरत नहीं
75 साल से ज्यादा उम्र वालों को अब टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। नए नियम के अनुसार 75 साल के अधिक की उम्र के ऐसे लोगों को आईटीआर भरने की जरूरत नहीं होगी, जो सिर्फ पेंशन या बैंक के ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर हैं। अगर उनकी दूसरे सोर्सेस से भी कमाई हो रही है, चाहे वह रेंट हो या फिर कुछ और तो उन पर हमेशा की तरह आईटीआर भरने की बाध्यता होगी।
अब आईटीआर भरना होगा ज्यादा आसान
अभी तक आईटीआर भरने के दौरान हमें पहले से ही फॉर्म में नाम, पता, सैलरी पर लगा टैक्स, टैक्स का भुगतान, टीडीएस जैसी जानकारियां भरी हुई आती थीं। बजट में एक घोषणा के जरिए इसे और भी आसान बना दिया गया है। अब आईटीआर के फॉर्म में लिस्टेड सिक्योरिटीज से हुए कैपिटल गेन्स की जानकारी, डिविडेंड इनकम की जानकारी और बैंक-पोस्ट ऑफिस से मिले ब्याज की जानकारी भी पहले ही भरी हुई मिलेगी।
अब 3 साल पुराने टैक्स रिटर्न ही खुल सकेंगे
50 लाख से कम आय के कर चोरी मामलों में पुराने रिटर्न खोलने की समय सीमा को 6 साल से घटाकर 3 साल किया गया है। इसके साथ ही 50 लाख से अधिक टैक्स चोरी के सबूत सामने आने पर ही 10 साल पुराने रिटर्न खोले जा सकेंगे। इसके लिए भी प्रधान आयकर आयुक्त की अनुमति आवश्यक होगी।
2.5 लाख से ज्यादा यूलिप प्रीमियम पर देना होगा टैक्स
बजट में यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) की प्रीमियम पर सेक्शन 10(10d) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को सीमित किया गया है। अगर प्रीमियम 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो टैक्स की छूट नहीं मिलेगी। हालांकि यह मौजूदा ULIP पर लागू नहीं होगा, केवल 1 फरवरी 2021 के बाद ली गई पॉलिसी पर यह प्रभावी होगा। यूलिप एक ऐसा प्रोडक्ट है जहां बीमा और निवेश लाभ एक साथ मिलता है।