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दिल्ली किसान आंदोलन में हिंसा : छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने हिंसा को बताया सरकार प्रायोजित

4 years ago
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छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे सरकार के प्रवक्ता भी हैं। वे पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार के कृषि सबंधी कानूनों के खिलाफ मुखर हैं। - Dainik Bhaskar
किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा पर बोल रहे थे कृषि मंत्री
कहा- लोकतंत्र में हिंसा और तोड़फोड़ की कोई जगह नहीं

 

 

 

रायपुर, 28 जनवरी 2021/  छत्तीसगढ़ के कृषि, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने दिल्ली किसान आंदोलन में हिंसा को सरकार प्रायोजित बताया है। उनका कहना था, लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। लेकिन कल की हिंसा सरकार प्रायोजित थी।

रविंद्र चौबे ने आज रायपुर में कहा, हिंदुस्तान के लोकतंत्र में हिंसा और तोड़फोड़ का कोई स्थान नहीं है। लेकिन कल हुई हिंसा हमें सरकार के द्वारा प्रायोजित लगती है। लाल किले में सामान्य दिनों में कोई व्यक्ति घुस भी नहीं सकता। लाल किला इतना सुरक्षित एरिया माना जाता है, सुरक्षा की इतनी चाक-चौबंद व्यवस्था होती है कि वहां परींदा भी पर नहीं मार सकता।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, भाजपा के सांसद का सबसे करीबी व्यक्ति झंडा लेकर लालकिला की प्राचीर पर चढ़ जाए और झंडा फहराये तो यह दूर से दिखाई देता है कि यह सरकार के द्वारा प्रायोजित घटना है।

सिंहदेव बोले, कानून वापस ले केंद्र सरकार

छत्तीसगढ़ के पंचायत, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, आज देश को महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु के आदर्शों की जरूरत है ताकि प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार के बीच एक समन्वय बने। हिंसा कभी कोई समाधान नहीं लाता। उन्होंने कहा, मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि जल्द से जल्द काले कानून वापस ले लें ताकि शीघ्र शांति बहाल हो।

किसान नेताओं ने कहा, आंदोलन को बदनाम करने की साजिश

अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के छत्तीसगढ़ प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल साहू एवं सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा, केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा शांतिपूर्ण रूप से जारी किसान आंदोलन को बदनाम कर उसे तोड़ने का प्रयास लगातार किया गया है। यह हिंसा भी उसी का हिस्सा है। प्रशासन ने किसानों काे दिग्भ्रमित किया। दोनों नेताओं ने कहा, इस हिंसा के बावजू यह आंदोलन, तीन काले क़ानूनों के वापस होने तक जारी रहेगा। छत्तीसगढ़ से दिल्ली गये दोनों नेता पिछले 9 जनवरी से सिंघु बार्डर पर मौजूद हैं।

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