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हाईकोर्ट में ‘मुक्तांजलि’ :​​​​​​​ छत्तीसगढ़ में शव वाहनों के टेंडर में गड़बड़ी, बड़े वाहनों के लिए एग्रीमेंट हुआ, इस्तेमाल हो रहे छोटे

4 years ago
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शव वाहन मुक्तांजलि के टेंडर एग्रीमेंट में गड़बड़ी को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। - Dainik Bhaskar
हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई जनहित याचिका, कोई ने शासन से दो सप्ताह में जवाब मांगा
प्रदेश में साल 2018 में शव वाहन मुक्तांजलि के लिए स्वास्थ्य विभाग का हुआ था टेंडर

 

बिलासपुर, 20 जनवरी 2021/  छत्तीसगढ़ में शव वाहन मुक्तांजलि के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत आई है। मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इसको लेकर एक जनहित याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि बड़े शव वाहनों के लिए एग्रीमेंट हुआ था, जबकि इस्तेमाल में छोटे ला जा रहे हैं। अब इस मामले में कोर्ट ने शासन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

रायपुर निवासी रजनीश शुक्ला की ओर से दायर याचिका में बताया गया है कि प्रदेश में 2018 में मुक्तांजलि शव वाहन के लिए स्वास्थ्य विभाग का टेंडर हुआ था। जिसमें 60 वाहनों के लिए करार हुआ। शासन ने 20 अपने वाहन देने की बात कही। इस तरह 80 शव वाहन चलाना तय हुआ। ऐग्रीमेंट के अनुसार शव वाहनों के लिए टाटा वेंचर या उसके बराबर की गाड़ियों का इस्तेमाल करना था। भोपाल की एक कंपनी को टेंडर दिया गया।

NGO को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर का आरोप
जानकारी लेने पर पता चला कि कंपनी की ओर से शव वाहनों के लिए टाटा एस कमर्शियल व्हीकल का उपयोग किया जा रहा है। इस कमर्शियल व्हीकल में सिर्फ दो लोग ही सामने बैठ सकते है और पीछे शव रखा जाता है। जबकि वेंचर में 5 लोग बैठ सकते हैं। दूर दराज के मृतक के परिजनों को इससे परेशानी होती है। याचिका में कहा गया कि NGO को लाभ पहुंचाने के लिए ही यह टेंडर किया गया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है।

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