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किसान आंदोलन का बढ़ा दायरा : सिख समाज की मदद से दिल्ली रवाना हुए छत्तीसगढ़ के 300 किसान, एक महीने का राशन भी साथ
मध्य प्रदेश होते हुए दिल्ली के सिंघु बार्डर जाने की योजना
बीच में कहीं रोका गया तो वहीं गाड़ेंगे आंदोलन का तम्बू
रायपुर, 07 जनवरी 2021/ केंद्र सरकार के कृषि संबंधी विवादित कानूनों के विरोध में छत्तीसगढ़ के 300 से अधिक किसान भी दिल्ली रवाना हो गए। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की अगुवाई में किसानों का यह जत्था आज रायपुर के अंतरराज्यीय बस अड्डा परिसर से रवाना हुआ। सिख समाज की मदद से जुटाए गए तीन ट्रकों और पांच कारों में रवाना हुए इस जत्थे की योजना अगले दो दिनों में दिल्ली के सिंघु बार्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने का है।
अंतरराज्यीय बस अड्डा परिसर में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेताओं डॉ. संकेत ठाकुर, रूपन चंद्राकर, गौतम बद्योपाध्याय, जुगनू चंद्राकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र पाण्डेय आदि ने हरी झंडी दिखाकर इस जत्थे को रवाना किया। बताया गया, शाम को टाटीबंध गुरुद्वारा परिसर से दो बसाें में करीब 60 आंदोलनकारियों का एक और जत्था रवाना होगा। एक सप्ताह बाद नये जत्थे को रवाना करने की तैयारी है।
आंदोलनकारी किसान अपने साथ कम से कम एक महीने का राशन ले जा रहे हैं। साथ जा रहे ट्रकों में रहने, सोने, ओढ़ने-बिछाने के साथ भोजन नास्ते का पूरा इंतजाम है। दिल्ली जा रहे किसानों का नेतृत्व कर रहे अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने बताया, यह जत्था उन लोगों को जवाब है जो दिल्ली में चल रहे आंदोलन को केवल पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन बता रहे हैं।
तेजराम विद्रोही ने बताया, सूचना मिली है कि ओडिशा और महाराष्ट्र से गये किसानों को हरियाणा और यूपी में रोक लिया गया है। अगर ऐसा हुआ तो हम लोग वहीं सड़क पर बैठकर आंदोलन की अलख जगाएंगे।
ट्रकों को किया गया है मोडिफाइड, ताकि मौसम को झेल सकें
इस जत्थे के लिए ट्रक उपलब्ध कराने वाले ट्रांसपोर्टर अमरीक सिंह ने बताया, दिल्ली आंदोलन में जाने के लिए ट्रकों को मोडिफाई किया गया है। ट्रक में दो डेक बनाए गए हैं। ट्रक को अगल-बगल और ऊपर से वॉटरप्रूफ तिरपाल से ढका गया है। यह तेज हवा में भी नहीं उड़ेगा। अंदर मोबाइल चार्जर पॉइंट भी लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, आंदोलनकारी किसानों की सुविधा के लिए ट्रकों में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। यह व्यवस्था शीतलहर और बरसात में भी किसानों को सुरक्षित रखेगी।
जय जवान-जय किसान के साथ सत् श्री अकाल का घोष
आंदोलन में किसानों के साथ सिख समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। जत्थे को विदा करते समय हवा में जय जवान-जय किसान और इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ बोले सो निहाल-सत श्री अकाल का जयघोष भी गूंज रहा था। किसानों के समर्थन और केंद्र सरकार के विरोध में वहां देर तक नारेबाजी चलती रही। किसान नेता डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा, अगर सरकार ने कानून वापस नहीं लिया तो यह आंदोलन पूरे देश में फैलेगा। उसको संभाल पाना केंद्र सरकार के वश की बात नहीं होगी।