7 राज्यों के किसानों से मोदी की चर्चा : किसानों से नए कृषि कानून, खेती के तरीके, उनके फायदे-नुकसान, कंपनियों से एग्रीमेंट जैसे कई मुद्दों पर बात की
नई दिल्ली, 25 दिसंबर 2020/ दिल्ली बॉर्डर पर 30 दिन से किसान धरना दे रहे हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के 7 राज्यों के किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसानों से नए कृषि कानून, खेती के तरीके, उनके फायदे-नुकसान, कंपनियों से एग्रीमेंट जैसे कई मुद्दों पर बात की। किसानों से पूछा कि कंपनियां उसने चीजें लेती हैं या जमीन भी ले जाती हैं। जवाब में किसान बोले कि जमीन की तो कोई चर्चा ही नहीं होती। एग्रीमेंट से हमें फायदा हो रहा है। पढ़ें, मोदी की 7 किसानों से बातचीत…
1. गगन पेरिंग (अरुणाचल प्रदेश)
मोदी: जय हिंद। आपको इतनी दूर जो किसान सम्मान निधि से पैसा मिल रहा है, उसे कैसे उपयोग करते हैं?
किसान: मुझे 4 महीने में 2-2 हजार करके 3 बार पैसे मिले। पीएम फंड से मिले पैसे से ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और फॉर्मिंग प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) बनाया। मेरे साथ 446 किसान जुड़े हैं। ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं।
मोदी: क्या इसके लिए मार्केट मिल जाता है?
किसान: दिल्ली, बेंगलुरु में व्यापार कर रहे हैं।
मोदी: आप जिन कंपनियों से आप जुड़े हैं, वो आपसे अदरक खरीदती है या जमीन भी उठाकर ले जाती हैं?
किसान: ऐसा नहीं होता। हमने कंपनी से प्रोडक्ट ले जाने के लिए एग्रीमेंट किया है। जमीन के बारे में कोई बात ही नहीं होती।
मोदी: आज इतनी दूर अरुणाचल से कह रहे हैं कि आपकी जमीन सुरक्षित है। लेकिन कुछ लोग यहां भ्रम फैला रहे हैं कि कॉन्ट्रैक्ट करने वाले किसानों की जमीन ली जाएगी। देखिए, लोग कितना झूठ फैला रहे हैं।
2. नवीन ठाकुर (ओडिशा)
मोदी: नवीनजी, जय जगन्नाथ। आपको किस तरह से योजनाओं का लाभ हुआ, बताइए?
किसान: मुझे 5 किश्त में 10 हजार की सहायता मिली। मैंने इस पैसे को खाद, बीज, कीटनाशक में लगाया। पशुपालन के लिए भी योजना बना रहा हूं।
मोदी: भारत सरकार एक किसान क्रेडिट कार्ड देती है? इसके बारे में जानते हैं? क्या आपको किसान क्रेडिट कार्ड मिला?
किसान: 12 मार्च 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड मिला। मैंने 4% पर 27 हजार का बैंक से लोन लिया है। साहूकार से 20% से कर्ज मिलता था। लोन के पैसे से मेरे जीवन में सुधार हुआ है।
मोदी: आपके पास कितनी जमीन है?
किसान: मेरे पास एक एकड़ जमीन है। उसमें धान उगा रहा हूं। कुछ और भी उगाना चाहता हूं।
मोदी: हमें हिम्मत से काम शुरू करना चाहिए। अटलजी की सरकार ने किसानों को सस्ता लोन देने की शुरुआत की थी, हम इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं। छोटे किसानों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। छोटे किसानों के समझाएं कि किसान क्रेडिट कार्ड लेकर सस्ता कर्ज लें। परिवार और खेती के लिए काम करें।
3. हरि सिंह (हरियाणा)
मोदी: अपनी खेती के बारे में बताइए?
किसान: मैं फतेहाबाद के नाढुड़ी का रहने वाला हूं। हम चार भाई 40 एकड़ में खेती करते हैं। परिवार में 15 सदस्य हैं। 35 साल से खेती कर रहे हैं।
मोदी: पिताजी के पास तो काफी जमीन होगी, जो अब भाइयों में बंट गई होगी? अब क्या स्थिति है?
किसान: नहीं, कोई बंटवारा नहीं हुआ। सभी एक साथ रहते हैं।
मोदी: ये आपने अच्छा रास्ता निकाला। ज्यादातर घरों में तो एक पीढ़ी से दूसरी, दूसरी से तीसरी और तीसरी से चौथी में आते-आते जमीन काफी कम बचती है। आप इतने सालों से खेती में हैं। देश के किसानों को बताइए कि आप क्या नया कर रहे हैं?
किसान: पहले मैं सिर्फ चावल की खेती करता था, लेकिन अब बागवानी भी करता हूं। पहले 2 एकड़ में बाग लगाया, फिर 2 एकड़ में बाग लगाया, अब 10 एकड़ में बाग है। मैंने 3 एकड़ में नींबू और 7 एकड़ में अमरूद उगाए हैं।
मोदी: आपका सारा सामान दिल्ली में बिक जाता है?
किसान: हम सामान को लोकल मंडी, छोटी-छोटी मंडियों में बेचते हैं।
मोदी: आपको पूरा पैसा मिलता है?
किसान: पहले से अच्छा पैसा मिलता है।
मोदी: नई-नई चीजें लाकर बेहतर योगदान करेंगे। जमीन को अलग-अलग फसलों से जोड़ने से आपकी ताकत भी बढ़ेगी।
4. गणेश भोंसले (महाराष्ट्र)
मोदी: गणेशजी, आपके पास कितनी जमीन है?
किसान: मैं लातूर के मातुला का निवासी हूं। 3 हेक्टेयर जमीन है। इस पर तुअर, सोयाबीन उगाता हूं।
मोदी: पहले क्या करते थे?
किसान: खेती का ही काम था, सोयाबीन, तुअर, चना।
मोदी: खेती के सिवाय भी कुछ करते हैं?
किसान: 9 गाय और 13 भैंस हैं। दूध बेचकर जो पैसा मिलता है, उसका पैसा खेती में लगाता हूं।
मोदी: सच बताइएगा, खेती में ज्यादा कमाई होती है या पशुपालन में?
किसान: खेती और पशुपालन दोनों से होती है। पशुपालन से होने वाले दूध का इस्तेमाल खुद भी करते हैं, उसे बेचते भी हैं।
मोदी: फसल बीमा योजना का लाभ लिया है?
किसान: बहुत साल से फसल बीमा योजना से जुड़ा हूं। 2019 में पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लिया। 2580 रुपए का प्रीमियम भरा। बारिश में सोयाबीन खराब हो गई थी, योजना के चलते मुझे 54 हजार 315 रुपए मिले। मेरे जैसे कई किसान फसल बीमा योजना से जुड़े हुए हैं।
मोदी: मुझे बहुत खुशी हुई। आपका अभिनंदन करता हूं।
5. मनोज पाटीदार (मध्यप्रदेश)
मोदी: मनोज जी, अपने बारे में बताइए?
किसान: मैं धार के चिकलिया का रहने वाला हूं। मेरे परिवार में 6 लोग हैं। मैं 10वीं तक पढ़ा हूं। अहमदाबाद और मुंबई में भी पढ़ा हूं। 6 हेक्टेयर में खेती करता हूं। गेहूं, चना, मटर, सोयाबीन की खेती करता हूं।
मोदी: सरकार की किस योजना का लाभ मिला?
किसान: 5 बार किसान सम्मान निधि से 10 हजार रुपए की रकम मिली, जिसका खेती में उपयोग किया। टाइम-टाइम पर पेमेंट आया, जिसका फायदा हुआ।
मोदी: नए कानून आने के बाद जो खेती में बदलाव आए, वो समझा सकते हैं?
किसान: नए कृषि कानून की वजह से हमें नया विकल्प मिला। पहले मंडी का ही विकल्प था, अब निजी व्यापारी या अन्य संस्थान को माल भी बेच सकते हैं। मैंने सोया चौपाल को सोयाबीन बेचा है। उसकी खासियत ये है कि एक दिन पहले ही दर पता लग जाती है। कांटे का सामने पता लगता है। पेमेंट तुरंत मिल जाती है। नए कानून से मैं संतुष्ट हूं। मेरे इलाके के कई किसान इसका फायदा उठा रहे हैं।
मोदी: कुछ नेता अपना एजेंडा दूसरों पर थोप रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी वाले धोखा कर सकते हैं। इस बारे में क्या कहेंगे?
किसान: कंपनी वाले सबकुछ सामने करते हैं। वो सामने बताते हैं कि इसमें इतनी मिट्टी है, इतनी नमी है। इसे ठीक करके ले आइए। जंगली पशु हमारी खेती को नुकसान पहुंचाते हैं, इसका भी हल निकालिए।
6. एम सुब्रमणि (तमिलनाडु)
मोदी: अपनी खेती के बारे में बताइए।
किसान: मेरा नाम सुब्रमणि है। परिवार में 4 सदस्य यानी दो बेटे और पत्नी मिलकर खेती करते हैं। 4 एकड़ खेती है।
मोदी: पानी की तो वहां स्थिति खराब है?
किसान: पहले पानी की कमी के चलते एक एकड़ में ही मैं सिंचाई कर पाता था। इसके बाद मुझे कृषि अधिकारियों ने ड्रिप इरिगेशन की सलाह दी। 1.33 लाख की सहायता भी मिली। इससे काफी फायदा हुआ। पूरी जमीन पर सिंचाई कर पाता हूं। 1.4 लाख कमा पाता हूं।
मोदी: आपने कमाई तो की, साथ ही पानी बचाकर मानव सेवा भी की। आपकी आय भी बढ़ी और जमीन का उपयोग भी हुआ।
7. रामगुलाब (उत्तर प्रदेश)
किसान: महाराजगंज में डेढ़ एकड़ में खेती करता हूं। धान, सब्जी उगाता हूं। 10 सदस्यों का परिवार है।
मोदी: छोटी से जमीन से इतना बड़ा परिवार कैसे पालते हैं?
किसान: हम FPO का गठन किए हैं। इसमें 100 किसान हैं। खेती सबके साथ मिलाकर करते हैं। इस समय शकरकंद की खेती कर रहे हैं। अहमदाबाद की कंपनी को 10 टन देने के लिए एग्रीमेंट किए हैं।
मोदी: FPO में छोटे किसान हैं या बड़े?
किसान: सब छोटे-छोटे बंटाईदार किसान हैं।
मोदी: अहमदाबाद की कंपनी आपसे माल खरीद रही है क्या आपको फायदा हो रहा है?
किसान: लोकल बाजार में हमें 15 रु मिलते थे, कंपनी से हमें 25 रुपए किलो मिलेगा। वो हमसे घर से लेकर जाएंगे। न हमें भाड़ा देना है। कंपनी हमारे घर से लेकर जाएगी।
मोदी: इससे जमीन तो नहीं जाएगी?
किसान: जमीन जाने जैसी कोई बात ही नहीं है।
मोदी: यहां तो झूठ फैलाया जा रहा है, लेकिन जब आप जैसे लोग बोलते हैं तो भरोसा बढ़ता है।