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सड़क पर आ गए कर्मचारी : रायपुर में जुटे प्रदेश के कर्मचारी, वेतन, नियमित किए जाने और महंगाई भत्ते से जुड़ी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन
रायपुर के बूढ़ापारा स्थित धरना स्थल पर दिया धरना फिर निकाली रैली
पुलिस ने बीच रास्ते में कर्मचारियों को रोका तो बनी गहमा-गहमी की स्थिति
रायपुर, 19 दिसंबर 2020/ रायपुर की सड़कों पर सरकारी कर्मचारी बेहद गुस्से में नारे लगाते दिखे। दरअसल ये गुस्सा अपनी लंबित मांगों के पूरा ना होने का है। शहर में शनिवार को प्रदेश स्तरीय रैली का आयोजन किया गया था। छत्तीसगढ़ कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले यह आयोजन हुआ। सबसे पहले सभी बूढ़ापारा के धरना स्थल पर जुटे और इसके बाद रैली निकाली गई। कर्मचारियों की रैली को पुलिस ने धरना स्थल से कुछ ही दूरी पर रोक दिया। इसके बाद कर्मचारी नारे बाजी करने लगे। प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के बाद कर्मचारी लौट आए।
दीवाली पर था सौगात का इंतजार
प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को सरकार से दीवाली के दिन किसी तरह की सौगात मिलने का इंतजार था। कर्मचारियों के संगठन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि लंबे वक्त से सरकार से कर्मचारी अपने मांगे बताते आ रहे हैं। मगर अब तक हमारी नहीं सुनी गई इसलिए महारैली निकाली गई। अब हम आने वाले दिनों और बड़े प्रदर्शनों की तैयारी में हैं।
यह है मांगें
कर्मचारी अपनी 14 मांगों को लेकर सरकार के सामने खड़े हैं। इनमें प्रमुख मांगे वेतन पेंशन और भर्ती से जुड़ी हुई है । कर्मचारी चाहते हैं कि वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के बकाया एरियर का भुगतान किया जाए, पदोन्नति, क्रमोन्नति की जाए, शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश की तर्ज पर 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जाए, अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए, अनुकंपा नियुक्ति के सभी प्रकरणों का निराकरण किया जाए, पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटॉप के साथ उनके दफ्तरों में कंप्यूटर की सुविधा दी जाए।