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- बृजमोहन अग्रवाल ने कहा.. केंद्र की 3 कानून किसानों के हित और आय बढ़ाने के लिए है.. वही कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए कहा ..किसान हित का इन कानूनों से कोई सरोकार नहीं है
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा.. केंद्र की 3 कानून किसानों के हित और आय बढ़ाने के लिए है.. वही कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए कहा ..किसान हित का इन कानूनों से कोई सरोकार नहीं है
रायपुर, 14 दिसंबर 2020/ छत्तीसगढ़ के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून किसानों के गीत में है।केंद्र की सरकार ने देश में कृषि में आमूलचूल परिवर्तन के लिए किसानों की तरक्की के लिए, संघ की उन्नति के लिए किसानों की आय दोगुनी करने के लिए और पूरे देश में मांग होती रही है कि व्यापारी और उद्योगपति अपने उत्पादन का। केंद्र खुद तय करते हैं परंतु किसानों को अपने उत्पादन का मूल्य तय करने का अधिकार नहीं है आजादी के बाद पहली बार मोदी के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार आई है जो देश के किसानों को अपने ऊपर अपनी मनमर्जी के मूल्य पर बेचने का अधिकार देने का काम किया है कानून के माध्यम से किया है किसानों को प्रबंधन होता था। इन तीन कानून के माध्यम से किया है जो किसानों के ऊपर बंधन होता था कि उनको अपना माल मंडियों में ही बेचना पड़ता था। अगर उनको अपना उपज का मूल्य ज्यादा मिलता है तो मंडियों के बाहर भी अपना माल बेेंच सकते हैं। देश के किसी भी हिस्से बेेंच सकते हैंं। देश के किसी भी व्यापारी उद्योगपति को भी भेज सकते हैं इसका कानून लाकर और किसानों को अधिकार संपन्न बनाने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। मोदी जी की सरकार ने किया है परंतु कुछ विघ्न संतोषी तत्व किसानों के पीछे रहकर इसका विरोध कर रहे हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा अगर आपने देखा होगा सुना होगा समाचार पत्रों में भी कि आंदोलन में किसानों का है परंतु इस आंदोलन के पीछे कुछ लोग किसानों को जो संकाय थी उन शंकाओं को सरकार ने लगातार वार्ता के माध्यम से निर्मूलन करने की कोशिश की उसका समाधान करने की कोशिश की उनको आश्वासन भी दिया परंतु उसके बाद भी किसानों का आंदोलन चलना यह समझ से परे है।
अब इस किसान आंदोलन में उमर खालिद बड़बड़ा राव अर्बन नक्सली सुधार राव टुकड़े टुकड़े गैंग वाले पोस्टर एक किस बात पर इंगित करते हैं इस बात को हम को समझने की आवश्यकता है।
मंडिया बंद नहीं होगी कृषि उपज मंडी जैसे पहले चलती थी वैसे ही अभी भी चलती रहेगी जो निजी मंडियां बनाने की बात आई थी उसके लिए भी सरकार ने सहमति दे दी है कि निजी मंडियों में भी सरकारी मंदिरों की तरह टैक्स लगेगा।
सरकार ने यह भी कह दिया कि किसानों की जमीन को कोई भी गिरवी नहीं रख पाएगा कोई भी किसानों को किया गया नोबेल के अगेंस्ट में उनके जमीन पर किसी भी प्रकार का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा अगर कोई बीच में कोई करता है तो उसको डेढ़ गुना पैसा देना पड़ेगा किसानों के जितने भी आशंका है सब को इस सरकार ने मान लिया।
हमारा देश भर के किसानों से आग्रह है कि जो कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं किसानों को उनके बहकावे में किसान ना आए जो किसानों से कांटेक्ट खेती अनुबंध होगा वह 5 साल से ज्यादा नहीं होगा जो अनुबंध करता है किसानों की जमीन के उपयोग को किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा ।उनकी जमीन के फिजिकल स्थिति भौगोलिक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा जो अनुबंध करता है उसको बाजार के उतार-चढ़ाव में अनुबंध करेगा अगर ज्यादा रेट है होती है तो अनुबंध को दोबारा समीक्षा की जाएगी परंतु रेट कम होता है तो किसानों को जिस रेट में अनुबंध किया गया है उसी रेट में देना पड़ेगा। इससे फसलों की अनिश्चितता है वह समाप्त होगी।फसलों की बर्बादी होती है उस पर भी अंकुश लगेगा और साथ में किसानों की आशंकाएं थी कि न्यायालय में जाने में प्रतिबंध है उसके लिए सरकार ने मान लिया है कि सिविल न्यायालय में जाने के लिए भी प्रावधान किया जाएगा।
पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा आज के समय पर किसानों को हम छत्तीसगढ़ में देखें तो बहुत सारे स्थानों पर साल भर तक भुगतान नहीं मिलता।
कांग्रेस पार्टी का पलटवार
वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कांग्रेश संचार के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान का पलटवार करते हुए कहा पंचायत शब्द बहुत सम्मानित शब्द है पंच परमेश्वर की कहानी सबसे सुनी है जब व्यक्ति वंश के रूप में व्यक्त है तो न्याय करता है भारतीय जनता पार्टी किसानों के साथ हो रहे अन्याय को सही साबित करने के लिए पंचायत शब्द का उपयोग कर रही है।कांग्रेसी इसका कड़ी निंदा करती है।
भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि हममंडी के बाहर खरीदी ब्यावस्था करेंगे लेकिन कांग्रेश कभी नहीं कहता कि समर्थन मूल्य के नीचे की करेगी ,इजाजत हो तो होगी भारतीय जनता पार्टी में ,पूरे किसान देश ने समर्थन मूल्य शब्द हटा दिया बीजेपी ने जमाखोरी की खुली छूट दे दी है और सबसे बढ़कर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में सरकार को इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि किसानों की हालत बिहार के स्थिति है वैसे ही ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। मोदी सरकार का कानून पूरी तरह से बड़े कारपोरेट घरानों में व मोदी के चहेतों के हित में बनाया गया है तीन कानून, जो कि किसान हित का इन कानूनों से कोई सरोकार नहीं है।