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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, जल जीवन मिशन की जांच को लेकर उठाई मांग
रायपुर, 4 नवम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भूपेश बघेल सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और कहा कि जल जीवन मिशन की जांच केंद्रीय जांच एजेन्सी द्वारा कराया जाये। इसमें 10 हज़ार करोड़ के हेर-फेर का खुलासा हुआ है।
उन्होंने अपने इस पत्र में प्रदेश में हुए “जल जीवन मिशन योजना” के टेंडर में हुई अनियमितताओं की शिकायत की है। मामले में डॉ रमन ने प्रदेश सरकार पर योजना को लेकर उदासीन और लापरवाही का भी आरोप भी मढ़ा है। उन्होंने इस मामले पर प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग भी की है।”
डॉ रमन ने अपने पत्र में लिखा है कि “आपके नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 तक देश में जल जीवन मशीन के तहत हर घर में पाइप लाइन के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी राज्यों में इस योजना के अंतर्गत युद्ध स्तर पर कार्य भी चल रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना में अनियमितता सामने आई है।”
छत्तीसगढ़ मे देश में जल जीवन मशीन के तहत हर घर में पाइप लाइन के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी राज्यों में इस योजना के अंतर्गत युद्ध स्तर पर कार्य भी चल रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस योजना में अनियमितता सामने आई है।
छत्तीसगढ़ में 41,32,535 परिवार ऐसे है, जिन्हें घरेलू नल कनेक्शन से 2023 तक जोड़ा जाना तय किया गया था। योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा राज्य के लिए करीब 7000 करोड रुपए का फंड आवंटित किया गया। जिस के कार्य के आवंटन में भारी अनियमितता सामने आई है।
केंद्र के नियमों की अनदेखी
डॉ रमन ने अपने में अपने पत्र में लिखा कि “केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के विपरीत छत्तीसगढ़ सरकार के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने नियमों में शिथिल कर बंदरबांट करने के उद्देश्य से टेंडर का आवंटन किया था। जिसमें विपक्ष द्वारा लगातार अनियमितता उजागर करने एवं अखबार में खबरों के प्रकाशन के बाद इस टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया गया। इस योजना में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रवैया भी बेहद उदासीन और लापरवाही पूर्ण है।”