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किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए CM साय का ये है प्लान, सुगंधित धान उगाने के लिए उठाया जाएगा ये कदम

7 months ago
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सुगंधित और महीन धान की किस्मों के उत्पादन के लिए उन्हें जागरूक करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के सिलसिले में लगायी गई आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री साय ने आज से विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक लेनी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि बैठकों की शुरुआत कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा से हुई. बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा, “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी है. किसानों को खेती-किसानी में सहूलियत प्रदान करने के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएं, इसके साथ ही भंडारण और वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए.”

छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की 200 किस्में

अधिकारियों ने बताया कि सीएम साय ने किसानों की अधिक आमदनी के लिए राज्य में सुगंधित और महीन धान की किस्मों के उत्पादन के लिए उन्हें जागरूक करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग दो सौ किस्में हैं जिनकी बाजार में अच्छी मांग है. उन्होंने कहा कि इन किस्मों का विदेशों में निर्यात भी किया जा सकेगा, फलस्वरूप किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने के निर्देश

साय ने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. उनका कहना था कि चाय का उत्पादन भी शुरू हुआ है और इनके प्रोसेसिंग यूनिट शुरू किए जाएं. मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि उद्यानिकी फसलों के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि फूलों की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए.

सेंटर फॉर एक्सिलेंस की होगी स्थापना

साय ने सोयाबीन, सेब, पॉम ऑयल, चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि फसल चुनते समय क्षेत्र की जलवायु के आधार पर निर्णय लें. अधिकारियों ने बताया कि बैठक में जानकारी दी गई कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ‘सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ की स्थापना की जाएगी.

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