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पीईटी में शून्य अंक पाने वाले को भी इंजीनियरिंग में प्रवेश तो परीक्षा क्यों

7 months ago
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रायपुर। 13 जून को प्रदेशभर में प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) प्रवेश परीक्षा होना है। इसी परीक्षा के माध्यम से प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश दिया जाता है। पीईटी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को सिर्फ प्रवेश परीक्षा में बैठना है। इससे उनके इंजीनियर बनने की राह खुल जाएगी। प्रवेश परीक्षा में शून्य अंक पाने वाले छात्रों को भी प्रवेश दिया जाएगा।

प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा में शून्य अंक मिलने पर भी इंजीनियरिंग संस्थानों में आसानी से प्रवेश मिल जाना है तो सवाल उठता है कि प्रवेश परीक्षा क्यों। ऐसी प्रवेश परीक्षा का क्या औचित्य, जिसकी कोई अहमियत न हो। जब शून्य अंक मिलने के बाद छात्रों को प्रवेश मिल जाना है, प्रवेश परीक्षा के नाम पर समय और पैसों की बर्बादी क्यों। पीईटी प्रवेश परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं) की तरफ से आवेदन मंगवाए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 40 इंजीनियरिंग कालेजों में लगभग साढ़े दस हजार सीटें हैं। इन सीटों में प्रवेश के लिए 18 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। इस वर्ष इंजीनियरिंग की सीटें घटी या बढ़ी है इसकी जानकारी अभी नहीं आई है। ये आंकड़े पिछले वर्ष के हैं। पिछले वर्ष कई राउंड की काउंसिलिंग के बाद भी इंजीनियरिंग की लगभग 60 प्रतिशत सीटें खाली रह गई थी।

व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षा जरूरी

अधिकारियों ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा में प्रवेश के लिए परीक्षा लेना जरूरी है। इसके लिए प्रवेश एवं शुल्क नियामक आयोग(एएफआरटी) एक्ट बना हुआ है।इसी एक्ट के मुताबिक सभी प्रवेश परीक्षा और शुल्क का निर्धारण होता है। प्रवेश संबंधित नियम को बदलने के लिए एक्ट को भी बदलना पड़ेगा।

इंजीनियरिंग कालेजों में पीईटी वालों को मिलती है प्राथमिकता

प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश के लिए पहले पीईटी देने वाले राज्य के छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है। सीटें खाली रहने पर राज्य के बाहर के छात्रों को प्रवेश देने का प्रविधान है। इसके बावजूद सीटें खाली रहने पर जेईई मेंस देने वाले प्रदेश के छात्राें को प्रवेश दिया जाता है।सीटें खाली रहने पर प्रदेश के बाहर के छात्र-छात्राएं जो जेईई मेंस परीक्षा दिए हैं, उन्हें प्रवेश के लिए मौका दिया जाता है।

आवेदन निश्शुल्क इस वजह से भी अधिक

व्यापमं की तरफ से पीईटी के लिए आवेदन पिछले दिनाें मंगाए गए थे। 18 हजार छात्रों ने आवेदन किया है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में लगभग 40 प्रतिशत परीक्षा ही नहीं देंगे। प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन निश्शुल्क होन के कारण छात्र-छात्राएं आवेदन कर देते हैं। व्यापमं को मिले आवेदन के अनुसार प्रवेश परीक्षा की तैयारी करनी होती है।इसी के अाधार पर प्रश्नपत्र बनवाना, परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था करना होता है। इसमें सिर्फ सरकार के पैसों की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है।

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