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छत्तीसगढ़ में साहू समाज को साधने के लिए तोखन को बनाया गया मंत्री, राज्य मंत्री के रूप में गोपनीयता की शपथ ली

7 months ago
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रायपुरः छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में कमाल का प्रदर्शन किया है। सिर्फ कोरबा लोकसभा को छोड़ दिया जाए तो 11 में से 10 सीटें भारतीय जनता पार्टी की तरफ गईं हैं। अब प्रधानमंत्री के साथ मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई चुकी है। इन्हीं मंत्रियों में से एक मंत्री छत्तीसगढ़ से भी हैं, तोखन साहू। छत्तीसगढ़ में बढ़िया प्रदर्शन के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलना तो लाजिमी था, लेकिन यह जगह किसे मिलेगी तय नहीं था। दोपहर होते होते बिलासपुर से सांसद तोखन साहू का फोन बजा और केंद्रीय मंत्री बनना तय हो गया। उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में गोपनीयता की शपथ ली।

क्यों अचानक लग गई मंत्री बनने की लॉटरी

बिलासपुर से सांसद तोखन साहू मंत्री बन गए, शपथ भी हो गई। लेकिन हर किसी के जहन में यह सवाल जरूर है कि तोखन साहू को मंत्री क्यों बनाया गया? जबकि प्रदेश से सीनियर नेता भी सांसद बने हैं। इसके जवाब के लिए समीकरण समझना होगा। खबरों के अनुसार छत्तीसगढ़ की लगभग 1 करोड़ 35 लाख ओबीसी आबादी में साहू समाज का दबदबा सबसे ज्यादा माना जाता है। इसके बाद यादव समाज जो कि करीब 18 प्रतिशत होने का दावा करते हैं। वहीं, कुर्मी समाज की आबादी 6-7 फीसदी है। विधानसभा और लोकसभा को लेकर यह माना जाता है कि साहू समाज ने पिछले 2 दशकों में बीजेपी को ज्यादा समर्थन दिया है। साथ ही परंपरागत रूप से भाजपा को वोट दिया है। इसके पीछे की वजह यही मानी गई है कि भाजपा ने कांग्रेस की तुलना में समाज से अधिक उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, ज्यादा से ज्यादा मौका देने की कोशिश की।

इसलिए बनाया गया हैं मंत्री

सियासी गलियारों में चर्चा यही है कि साहू समाज को साधने के लिए ही तोखन साहू को मंत्री बनाया गया है। बात 2014 की हो तो साहू समाज से कुल 3 सांसद रहे हैं। जिसमें से बीजेपी से 2 और कांग्रेस से एक सांसद थे। 2019 में यह संख्या घटकर 2 रह गई। भाजपा से जुड़े दोनों सांसद बिलासपुर और महासमुंद लोकसभा सीटों से जीतकर आए थे। अगर बात 2018 के विधानसभा चुनाव की करें तो दोनों पार्टियों ने 22 साहू कैंडिडेट्स को टिकट दिया था। हालांकि बताया जा रहा है कि इस बार साहू समाज ने भाजपा से 2 उम्मीदवारों को मैदान में उतारना की मांग की, लेकिन पार्टी ने इनकार कर दिया। राजनीतिक विशेषज्ञ ने बताया कि बिलासपुर से केवल एक तोखन साहू को मैदान में उतारने से भाजपा के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया, यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समाज तक पहुंचे और धमतरी में अपने एक भाषण में उन्होंने दावा किया कि वह भी साहू समाज से हैं।

कौन हैं तोखन साहू?

छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट पर बीजेपी ने तोखन साहू को मैदान में उतारा, कांग्रेस ने देवेंद्र यादव को टिकट दिया। तोखन साहू ने कांग्रेस को बड़े अंतर से हरा दिया। बीजेपी सांसद तोखन साहू का जन्म 15 अक्टूबर, 1969 को ग्राम डिंडोरी जिला मुंगेली में हुआ। तोखन ने एमकॉम की पढ़ाई की है। साल 1994 से उनका सियासी सफर शुरू हुआ। इस दौरान वह लोरमी ब्लॉक के सुरजपुरा गांव के पंच चुने गए थे, वह बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। साल 2013 में तोखन साहू पहली बार विधानसभा गए। इसके बाद, साल 2014-15 में तोखन साहू महिलाओं एवं बालकों के कल्याण सम्बंधी समिति और प्रत्यायुक्त विधानसभा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके बाद वह साल 2015 में छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव भी रहे हैं।

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