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बिलासपुर में 24 सितंबर को होगी धर्म सभा, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर होगी चर्चा
रायपुर 04 जुलाई 2023/ छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे धर्मांतरण, लव जिहाद पर रोक लगाने और धर्म जागरण को लेकर देश भर के संतों को बुला कर धर्म सभा कराने की तैयारी चल रही है। 24 सितंबर को होने वाले इस आयोजन की तैयारी को लेकर प्रदेश के सनातन धर्म संगठनों के पदाधिकारी जुट गए हैं। इसे लेकर रतनपुर में बैठक भी हुई।
इस आयोजन पर चर्चा के लिए धर्म नगरी रतनपुर के सिद्धि विनायक मंदिर में अखिल भारतीय संत समिति की बैठक बुलाई गई, जिसमें विशाल धर्म सभा का आयोजन करने के विषय में चर्चा की गई। बैठक में प्रदेश के अलग-अलग जगहों से आए संतों ने शहर से लेकर आदिवासी इलाकों में हो रहे धर्मांतरण पर चिंता जताई। साथ ही कहा कि सनातन हिंदू धर्म के लोगों में जन जागरूकता लाने और इस तरह धर्मांतरण जैसे गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए धर्म सभा कर समाज को जोड़ने की बात कही गई।
बताया गया कि इस धर्म सभा में विश्व हिंदू परिषद सहित हिंदूवादी संगठनों को भी जोड़ा जाएगा। ताकि, ज्यादा से ज्यादा सनातनियों को धर्म सभा से जोड़ा जा सके। धर्म सभा में धर्मांतरण, भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने, समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर में अभियान भी चलाया जाएगा। रतनपुर में आयोजित बैठक में संतों के साथ ही विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी भी हुए शामिल।
छत्तीसगढ़ प्रांत के हिंदू परिषद के मठ मंदिर प्रमुख महंत दिव्य कांत दास ने बताया कि धर्म सभा के आयोजन को लेकर पहली बैठक हुई है, जिसमें आगामी 24 सितंबर को कार्यक्रम करने पर चर्चा की गई है। बैठक में तय किया गया है कि धर्म सभा में देश के कई राज्यों के संतों को बुलाया जाएगा। ताकि, हिंदू धर्म के लोगों को एकजुट किया जा सके। बैठक में प्रमुख रुप से महामंडलेश्वर सर्वेश्वर दास, सीताराम दास , राधेश्याम दास, राजेश्वरानंद, वेद प्रकाश आचार्य, ललित माखीजा, दीपक सोनी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने और छत्तीसगढ़ में हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए पांच माह पहले फरवरी में छत्तीसगढ़ के चारों दिशाओं संतों ने पदयात्रा निकाली थी। इसमें सनातनियों ने पदयात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया था। उनकी इस पद यात्रा को अच्छा रिस्पांस मिला और सनातनी धर्म के लोगों ने सहजता से स्वीकार किया था।, जहां से भी धर्म यात्रा निकली, उसमें हिंदू धर्म के लोग जुड़ते गए। इस यात्रा का उद्देश्य भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाना और छत्तीसगढ़ राज्य को धर्मांतरण मुक्त करना था।