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रामायण महोत्सव पर अरुण साव के बयान पर पलटवार : भूपेश बघेल बोले – बीजेपी को चुनाव में याद आते हैं राम, हमारे दुख-सुख में राम हैं

2 years ago
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रामायण महोत्सव पर अरुण साव के बयान पर पलटवार; कहा- हमारे दुख-सुख में राम हैं | CM Bhupesh said - Ram in all our sorrows, they remember Ram only for elections and

रायपुर, 01 जून 2023/  छत्तीसगढ़ सरकार रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन कर रही है। भगवान राम से जुड़े इस आयोजन को लेकर सत्ता पक्ष के नेता एवं कार्यकर्ता जितने गंभीर हैं। उतनी ही नजर बीजेपी की इस आयोजन पर है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा था, कांग्रेस ऐसे आयोजन कराना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीख रही है।

अब अरुण साव के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है….

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के लिए रायगढ़ रवाना होने से पहले एयरपोर्ट में मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राम तो आदि और अंत दोनों हैं। छत्तीसगढ़ से उनका विशिष्ट नाता है। वे कौशल्या के राम हैं, वे शबरी के राम हैं। हम उन्हें अनेक रूपों में देखते हैं। पूजते हैं और स्मरण करते हैं। दुख में सुख में सबमें हम राम का स्मरण करते हैं।

चुनाव के समय याद आते हैं राम…

बीजेपी को केवल चुनाव के समय राम को याद करती है। दोनों में अंतर यही है क्योंकि पीएम मोदी से पहले महात्मा गांधी जो कांग्रेसी नेता हैं। जिनको गोली लगी और गोली लगने के बाद प्राण त्यागते हुए उन्होंने हे राम कहा, जबकि ये तो कहते हैं कि आजादी भी 2014 के बाद मिली, ये उसी संस्कृति के लोग हैं।

अनुज शर्मा का बीजेपी में शामिल होना कोई बड़ी बात नहीं…

भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़िया स्टार अनुज शर्मा और कई अन्य लोगों के बीजेपी में शामिल होने पर कहा, अनुज और बाकी लोग पहले भी उन्हीं के साथ थे। जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तब वे उनके निवास में ही बैठे रहते थे। आज अगर बीजेपी में शामिल हो गए हैं तो कोई नई बात नहीं है।

हमारी योजनाएं पीएम मोदी को रेवड़ी लगती है…

भूपेश बघेल ने कहा, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में अगर हम किसानों को कुछ दे रहे हैं। गरीब परिवार को 35 किलो चावल दे रहे हैं, 400 यूनिट बिजली बिल आधे रेट में दे रहे हैं। भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना दे रहे हैं। या फिर गोधन योजना में गोबर खरीद कर रहे हैं। ये सब पीएम मोदी को रेवड़ी लगता है। पीएम कहते हैं कि ये रेवड़ी संस्कृति है। लेकिन ये देकर भी भारत सरकार या भाजपा शासित किसी राज्य से तुलना कर लें। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था उससे बेहतर है।

 

 

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