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छत्तीसगढ़ में फिर शुरु हो पाएंगी सरकारी भर्तियां… सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला… सीएम बघेल ने क्या कहा, पढ़िए
रायपुर, 01 मई 2023/ सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के मामले में सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत के नतीजे को सही बताया है। 58 प्रतिशत के फैसले पर रोक के छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने बदल दिया है। जिसके बाद अब ये माना जा रहा है कि प्रदेश में भर्तियां 58 प्रतिशत न्यूट्रिएंट के आधार पर आश्वस्त हो जाती हैं। हालांकि अभी यह राहत का इंतजाम है। मतलब अगली सुनवाई या नए तथ्य तक भर्तियों की क्षमता आएगी। इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। यहां करीब दो साल से फैक्ट्स के खुलासे के कारण भर्तियां रुकी हुई हैं।
पिछले साल नवंबर में ही हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत तथ्यों पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार की ओर से मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश इस मामले में बड़ी राहत के तौर पर देखे जा रहे हैं। जल्द ही इस पर अपना सरकार पक्ष रख सकता है, इसके बाद भर्ती और विवरण अन्य प्रक्रियाओं पर स्थिति स्पष्ट आधारित हो सकती है।
क्या बोले सीएम
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद प्रदेश के माननीय भूपेश बघेल ने कहा- 58% न्यूट्रिएंट पर हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक के फैसले का हम सब स्वागत करते हैं। छत्तीसगढ़ के युवाओं के खिलाफ भाजपा की आपस में मिलीभगत हमारा संघर्ष जारी रहेगा। राज्यपाल नए दावे पर हस्ताक्षर करेंगे तभी सही न्याय मिलेगा। लड़ेंगे-जीतेंगे…
हाई कोर्ट को खारिज कर दिया गया था
करीब 7 महीने पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने यहां 58 प्रतिशत न्यूनता को लागू करते हुए महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए इसे खारिज कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2012 में 58 प्रतिशत न्यूट्रीशन की सूचना जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि तथ्य को 50 से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करना असंवैधानिक है। न्यायालय ने जनसंख्या के अनुसार तथ्य देने को भी गलत माना था।
58 प्रतिशत के होश से क्या व्यवस्था थी
राज्य शासन ने तथ्य नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी, इसके तहत लोकसेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का विवरण) अधिनियम 1994 की धारा-4 में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार अजा वर्ग को 32 प्रतिशत, अजा वर्ग को 12 प्रतिशत और लैटेरिया वर्ग को 14 प्रतिशत न्यूनाधिक का प्रावधान किया गया था।
76 प्रतिशत सत्य का मामला अटका
2 दिसंबर 2022 को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियाँ, रोजगार रोजगार और अन्य गलतियों के लिए न्यूनाधिक) संशोधन और व्याख्यात्मक संस्थाओं (प्रवेश में न्यूनाधिक) संशोधन पास किए हैं। इन दोनों में उल्लेखनीय वर्ग-ST को 32%, सूचना जाति-SC को 13% और अन्य वर्ग वर्ग-OBC को 27% अनुपात अनुपात तय किया गया है। सामान्य वर्ग के घुमाव को 4% न्यूनता देने का भी प्रस्ताव है। इसको मिलाकर छत्तीसगढ़ में 76% सच हो गया है, लेकिन राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए अब तक अटका ही है।