• breaking
  • Chhattisgarh
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा – लोकतंत्र खतरे में है, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया जा रहा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा – लोकतंत्र खतरे में है, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया जा रहा

2 years ago
67

भूपेश बघेल ने कहा- संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया जा रहा | The country's constitution and democracy are in danger, constitutional institutions are being weakened ...

रायपुर, 14 अप्रैल 2023/  संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर संविधान और लोकतंत्र को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार लगातार संविधान में जो व्यवस्थाएं हैं, जितनी भी संस्थाएं हैं सभी को कमजोर करने का काम कर रही है।

भूपेश बघेल शुक्रवार को रायपुर के घड़ी चौक में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे समेत कई नेता मौजूद रहे।

सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आरक्षण लागू होने नहीं दे रहे हैं। जिसको जितना मिलना चाहिए वह हो नहीं रहा है। सारी भर्तियां बंद है, जितने भी संवैधानिक संगठन है, उसको भी कमजोर किया जा रहा है। जिसमें हमारी न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है और बाकी संगठनों को दबाया जा रहा है।

सीएम ने कहा कि लोकसभा में चर्चा नहीं हो रही है और अडानी के मामले में सवाल पूछने पर सदस्यता समाप्त हो जाती है। बंगला खाली करा दिया जाता है। यहां आज आपको सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। प्रजातंत्र में विपक्ष और पत्रकारों का सबसे बड़ा अस्त्र सवाल पूछने का है और ये सवाल से भागते हैं और पूछने वालों को दंडित किया जाता है। उन्हें कुचलने का प्रयास किया जाता है। इसका सीधा सा मतलब है कि लोकतंत्र खतरे में है।

राज्यपाल की भूमिकाओं की समीक्षा होनी चाहिए- CM

प्रदेश में अब तक आरक्षण संशोधन बिल राजभवन में अटके होने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में राज्यपाल की भूमिकाओं की समीक्षा होनी चाहिए। ये तय होना चाहिए की विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल कितने दिन रख सकते हैं।

भूपेश बघेल ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कि विधानसभा में पारित हुआ जितने भी गैर भाजपा शासित राज्य हैं। वहां राजभवन की भूमिका की समीक्षा होनी चाहिए। आखिर किसी बिल को कितने दिन तक रोका जा सकता है। ऐसे विधेयक जो सीधे जनता से जुड़े नहीं है, उसमें देरी समझ में आती है। अगर राष्ट्रपति के पास भेजा जाना है तो अलग बात है लेकिन आरक्षण तो विशुद्ध रूप से राज्य का विषय है। इसे राज्यपाल 5 महीने रोके हुए है।

यहां के छात्र-छात्राएं, यहां के नौजवान युवक-युवती, जिन्हें कॉलेज में एडमिशन लेना है और नौकरी में भर्ती होना है। उनको अगर रोका जाता है, तो निश्चित रूप से इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि किसी बिल को कितना दिन तक रोका जा सकता है। या तो लौटा दें या हस्ताक्षर करें। आरक्षण बिल को लेकर आगे की रणनीति पर बात करते हुए सीएम ने कहा कि आगे कोर्ट में जाना है और इस विषय पर उन्होंने फिर से राज्यपाल को पत्र लिखकर निवेदन किया है।

भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती के मौके पर उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा साहब की सबसे बड़ी देन संविधान है। रिजर्व बैंक का गठन उन्होंने किया। दलित समाज को संगठित किया। शिक्षित बनो संगठित हो और संघर्ष करो उन्होंने बुद्ध के संदेश को भी आत्मसात किया। प्रज्ञा, करुणा और मैत्री की बात उन्होंने कही जो आज के समय में सर्वाधिक आवश्यक है। जहां समाज में विद्वेष फैलाया जा रहा है। हिंसक बनाया जा रहा है। नफरत पढ़ाया जा रहा है। ऐसे समय में प्रज्ञा करुणा और मैत्री हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। इस समय समाज के लिए महापुरुषों ने जो समय-समय पर संदेश दिया वो आज समसामयिक है।

Social Share

Advertisement