रायपुर, 18 मार्च 2023/ हिंदू राष्ट्र की संकल्पना को लेकर छत्तीसगढ़ में एक महीने से चल रही संतों की पदयात्रा का समापन 17 मार्च को हो गया। विभिन्न् स्थानों से पहुंचे संतों का राजधानी में हर्ष उल्लास के साथ स्वागत किया गया। यात्रा के समापन के बाद राजधानी में 19 मार्च को धर्म संसद का आयोजन किया गया है। विभिन्न् स्थानों से पहुंचे संत शनिवार को शहर भ्रमण के लिए निकलेंगे व धर्म संसद के आयोजन का प्रचार-प्रसार करेंगे। इस दौरान संत समाज के सदस्य दलितों के घर हरि भोजन भी करेंगे।
आयोजकों का कहना है कि हरि भोजन का उद्देश्य सामाजिक समरसता का विस्तार करना है। इस यात्रा के दौरान कई पड़ाव पर संतों ने हरि भोजन किया, जिसका उद्देश्य जात-पात और ऊंच-नीच का भेदभाव को खत्म करते हुए सनातन धर्म और हिंदुत्व विचारधारा को प्रचारित करना था। राजधानी में संतों की पदयात्रा पहुंचने के बाद विभिन्न् मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई।
मां महामाया यात्रा में शामिल संतों ने मां बंजारी धाम पहुंचकर मत्था टेका। दल में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम शामिल रहा। अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ और विश्व हिंदू परिषद (छत्तीसगढ़ प्रांत) के बैनर तले रविवार को होने वाले धर्म संसद में हिंदुत्व जागरण, मतांतरण, लव जिहाद सहित गौहत्या पर रोक का मुद्दा गूंजेगा। एक महीने तक चली हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पद यात्रा की शुरूआत 18 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन से की गई थी।
रावणभाठा मैदान में तैयारियां पूरी
धर्म संसद में देशभर के 500 से अधिक संत शहर के रावणभाठा मैदान में जुटेंगे। मैदान में आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है। पदयात्रा में 33 जिलों का भ्रमण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग स्वस्फू र्त जुटे। आयोजकों का कहना है कि यात्रा का पड़ाव गांवों से लेकर शहरों तक विस्तारित था। इस दौरान सरगुजा से लेकर बस्तर के आदिवासी क्षेत्रों में भी धर्म का प्रचार किया गया।
धर्म-संसद में ये प्रमुख संत होंगे शामिल
धर्म-संसद में देश के प्रमुख राज्यों से संत शामिल होंगे। शनिवार को और अधिक संतों के आने की संभावना है। आयोजकों के मुताबिक वर्तमान में महामंडलेश्वर जूना पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, जितेंद्रनंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी चिंदबरानंद जी सरस्वती(मुंबई), स्वामी संपूर्णानंद आर्य समाज (हरियाणा), साध्वी प्राची जी (देहरादून), महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद जी (हरिद्वार), युधिष्ठिर लाल जी महाराज शदाणी दरबार, रायपुर,महंत रामलोचन दास निर्माेही अखाड़ा (चित्रकूट धाम), श्रीराम बालकदास पाटेश्वर धाम बालोद (छत्तीसगढ़), स्वामी सर्वेश्वर दास सहित छत्तीसगढ़ व देश के विभिन्न् राज्यों से संतों के आने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।