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विश्व भूषण हरिचंदन ने ली छत्तीसगढ़ के नौवें राज्यपाल की शपथ
रायपुर, 23 फरवरी 2023/ विश्वभूषण हरिचंदन ने आज राजभवन के दरबार हाल में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के नौवें राज्यपाल के रूप में अपने पद की शपथ ली। राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने उन्हें शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष सहित मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे।
कौन हैं विश्व भूषण हरिचंदन ?
विश्व भूषण हरिचंदन का जन्म 3 अगस्त 1934 ओडिशा के खोरधा जिला में हुआ था। उनके पिता का नाम परशुराम हरिचंदन है। उनकी पत्नी का नाम सुप्रवा हरिचंदन है। बिस्वा भूषण हरिचंदन 1962 में ओडिशा के उच्च न्यायालय बार और 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। ओडिशा की राजनीति के दिग्गज हरिचंदन पांच बार साल 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 ओडिशा की राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। जिसके बाद 1977 में जनता पार्टी गठित होने तक वे जनसंघ के आंध्र महासचिव रहे। हरिचंदन जनसंघ 1980 से 1988 तक वे बीजेपी की प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। वहीं, 2004 में आंध्र प्रदेश की बीजेडी-बीजेपी गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। हरिचंदन ने राजस्व, कानून, ग्रामीण विकास, उद्योग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और रोजगार, आवास, सांस्कृतिक, मत्स्य पालन और पशु विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है।
ओडिशा में 5 बार विधानसभा में दर्ज की जीत
वहीं, विश्व भूषण हरिचंदन आंध्र प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष का पद भी संभाल चुकें है। उनका कार्यकाल साल 1980 से 1988 तक रहा था। इसके बाद साल 2004 में आंध्र प्रदेश की बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
इसके अलावा 13 साल तक यानी 1996 से 2009 तक ओड़िशा विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता भी रहे हैं.हालांकि, अबतक बिस्वा ओडिशा में 5 बार विधानसभा के चुने जा चुके हैं। 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है।
इमरजेंसी के दौरान काटे थे कई महीने जेल में
गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के गवर्नर बिस्वा की पढ़ाई एससीएस कॉलेज पूरी से अर्थशास्त्र में ओनर्स की डिग्री, एमएस लॉ कॉलेज कटक से एलएलबी की डिग्री बिस्वा ने ली है। इसके बाद बिस्वा ने एसोसिएशन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष के रूप में 1974 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों के अधिक्रमण के खिलाफ ओडिशा में वकीलों के आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया। इसके बाद भूषण राजनीति से जुड़ गए। बता दें कि, भूषण हरिचंदन ने ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में शामिल हुए थे। इसके लिए उन्हें एमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा था।