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बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा जिलों में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट
रायपुर, 11 सितंबर 2022/ छत्तीसगढ़ में भारी बरसात का दौर फिर से लौट आया है। संभावना है कि बस्तर संभाग के कम से कम चार जिलों में मूसलाधार बरसात होगी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। वहीं बस्तर जिले में भी भारी वर्षा की संभावना जताई जा रही है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को रेड अलर्ट जारी किया। इसके मुताबिक अब से सोमवार दोपहर तक प्रदेश के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। यहां वज्रपात भी हो सकता है। वहीं एक आरेंज अलर्ट जारी कर कहा गया है कि अगले 24 घंटों में बस्तर जिले में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी वर्षा होने और वज्रपात की भी संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक जिस तरह का मौसमी तंत्र बना हुआ है उसके मुताबिक 11 सितम्बर को प्रदेश के दूसरे हिस्सों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर वज्रपात और भारी वर्षा होने की संभावना है। इसमें से अधिकतर भारी बरसात दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी बस्तर संभाग के जिलों में ही संभावित है।
रात से ही बस्तर में जारी है भारी बरसात
बस्तर संभाग के कई जिलों में शनिवार रात से ही बरसात जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक 11 सितम्बर सुबह 8.30 बजे तक बीजापुर में 250 मिमी बरसात हो चुकी थी। वहीं कोंटा में 123 मिमी, सुकमा में 116.5 मिमी, छिंदगढ़ में 106.5 मिमी, दंतेवाड़ा के बड़े बचेली में 111.4 मिमी, दंतेवाड़ा में 105 मिमी, कुवाकोण्डा में 103 मिमी, कटेकल्याण में 102 मिमी और बस्तर के बस्तानार में 140 मिमी और दरभा में 110 मिमी बरसात हो चुकी थी। इस मूसलाधार बरसात की वजह से बस्तर संभाग के कई इलाकों में बाढ़ वापस लौट आई है। बीजापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से यातायात बाधित है। दूसरे हिस्सों में भी जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
यह सिस्टम सक्रिय हुआ है, जिससे हो रही बरसात
मौसम विज्ञानियों का कहना है, एक चिन्हित निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी-उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश-दक्षिण तटीय ओडिशा के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रवात चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। यह प्रबल होकर अगले 24 घंटे में यह अवदाब के रूप में उत्तर-पश्चिम-बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी-दक्षिण तटीय ओडिशा-उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर बनने की संभावना है। मानसून द्रोणिका ओखा, अकोला, जगदलपुर, और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर चिंन्हित निम्न दाब के केंद्र तक, माध्य समुद्र तल पर स्थित है।