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रायपुर के गोल बाजार में विकास और निर्माण शुल्क माफ, कई महीनों से विरोध कर रहे थे व्यापारी, मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने की घोषणा

3 years ago
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 गोल बाजार व्यापारी महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। - Dainik Bhaskar

 

रायपुर, 21 मई 2022/ रायपुर के ऐतिहासिक गोल बाजार के व्यापारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोल बाजार में विकास और निर्माण शुल्क माफ करने की घाेषणा की है। गोल बाजार क्षेत्र के व्यापारी कई महीनों से इस शुल्क का विरोध कर रहे थे। बताया जा रहा है, सरकार के इस कदम से व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। दैनिक भास्कर ने पहले ही बताया था, सरकार ऐसी राहत देने जा रही है।

गोल बाजार व्यापारी महासंघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास पर मुलाकात की। विधायक कुलदीप जुनेजा और महापौर एजाज ढेबर, नगर निगम आयुक्त् प्रभात मलिक भी उनके साथ थे। व्यापारी महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि गोल बाजार में कई व्यापारी छोटे-छोटे व्यवसाय करते हैं। कोरोना काल में इन व्यापारियों को भी मंदी का सामना करना पड़ा है। उनकी परिस्थितियों को देखते हुए इनका निर्माण शुल्क और विकास शुल्क माफ किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने व्यापारियों के अनुरोध पर निर्माण शुल्क और विकास शुल्क माफ करने की घोषणा की। इस घोषणा से गोल बाजार में व्यापार करने वाले लगभग एक हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ मिलेगा। मुलाकात के दौरान गोल बाजार व्यापारी महासंघ ने मुख्यमंत्री को श्रीमद्भागवत गीता की प्रति भेंट की गई। यह पुस्तक रिमोट के माध्यम से हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओं में स्पीकर के माध्यम से सुनी और पढ़ी जा सकती है। प्रतिनिधिमंडल में गोल बाजार व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष धनराज जैन, कार्यकारी अध्यक्ष अजय देवांगन आदि शामिल थे।

मालिकाना हक देने की घोषणा पहले ही हाे चुकी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गोल बाजार में पिछले सौ साल से काबिज व्यापारियों को मालिकाना हक देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। यह बाजार रायपुर का सबसे पुराना व्यवस्थित बाजार है। इसमें विभिन्न किस्म की व्यापारिक गतिविधियों का संचालन होता है।

क्या था यह विकास शुल्क जिसका विरोध था

गोलबाजार में कुल 579 दुकानें हैं। नगर निगम ने सभी दुकानदारों पर करीब एक हजार रुपए, निर्मित क्षेत्रफल पर प्रति वर्गफीट की दर से विकास शुल्क आरोपित किया गया था। शुल्क की वजह से यदि किसी की 100 वर्गफीट की दुकान है, तो उनसे एक लाख रुपए लिया जाना था। अभी कई व्यापारियों ने दो और तीन मंजिला दुकानें बना ली हैं। प्रत्येक फ्लोर में यदि 100 वर्गफीट है और दुकान 3 फ्लोर की तो 300 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल का विकास शुल्क तीन लाख तक देना पड़ता। कारोबारी यह शुल्क देने को तैयार नहीं थे।

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