- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- छत्तीसगढ़ में हड़ताली वन कर्मचारियों पर अब एस्मा लगाने की तैयारी, पिछले 20 दिनों से हैं हड़ताल पर
छत्तीसगढ़ में हड़ताली वन कर्मचारियों पर अब एस्मा लगाने की तैयारी, पिछले 20 दिनों से हैं हड़ताल पर
रायपुर, 11 अप्रैल 2022/ प्रदेश में वन विभाग के कर्मचारी पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर हैं। इससे जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। वन्यजीवों से लेकर वनस्पतियों को भी इससे काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए वन विभाग अब कर्मचारियों पर एस्मा लगाने की तैयारी कर रहा है। वन विभाग हड़ताल समाप्त करने के लिए सोमवार को अरण्य भवन से नोटिस जारी कर दो दिन का समय देगा। उसके बाद भी यदि वन कर्मचारियों की हड़ताल खत्म नहीं हुई तो एस्मा लगा दिया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश भर के करीब दस हजार वन कर्मचारी अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर 21 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश भर के कर्मचारी अपने-अपने जिला मुख्यालय में धरना दे रहे हैं, जबकि वन कर्मचारियों की सात मांग पूरा हो चुकी है। बाकी मांगों के लिए सहमति बन गई है, लेकिन उसके लिए कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद ही मंजूर होगी, लेकिन हड़ताल पर गए कर्मचारी मांग पूरी करने के लिए विभाग से लिखित में आदेश की मांग कर रहे हैं। लिखित में आदेश न मिलने के कारण उनकी हड़ताल जारी है।
जानिए क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। विदित हो कि एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है। एस्मा अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है।
छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने कहा, कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने के लिए नोटिस जारी कर दो दिन का समय दिया जाएगा। यदि उसके बाद भी हड़ताल खत्म नहीं होती है तो एस्मा लगाने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।
जानिए क्या है मांग
– पदनाम के साथ ही वनरक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3,050 किया जाए।
– वनरक्षक, वनपाल का वेतनमान मांग अनुसार किया जाए।
– पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।
– छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात नाय सेटअफ पुनरीक्षण किया जाए।
– महाराष्ट्र सरकार की तरह 5,000 रुपये, पौष्टिक आहार और वर्दी भत्ता दिया जाए।
– पदनाम वर्दी के लिए संबंधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेश जारी किया जाए।
– वनोपज संघ के कार्य के लिए एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए।
– काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली निरस्त किया जाए।
– विभागीय पर्यटन स्थल में वन कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्ति वन कर्मचारियों को निश्शुल्क प्रवेश दिया जाए।
– वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन किया जाए। वनपाल प्रशिक्षण केंद्र कोनी (बिलासपुर) प्रारंभ किया जाए।
– भृत्य, वानिकी चौकीदार का समायोजन किया जाए।
– दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित किया जाए।