घर के काम में बच्चों को जोड़ने के तरीके : आपके बच्चे भी काम नहीं करते तो कहने का अंदाज बदलें, फैसलों में उन्हें हिस्सेदार बनाएं
घर में बच्चे हैं। खुद के काम कर सकते हैं, आपके काम में हाथ बंटा सकते हैं, लेकिन करते नहीं। माता-पिता अक्सर इन समस्याओं से जूझते हैं। बात समझाइश से बढ़कर चिल्लाने और पिटाई तक पहुंच जाती है, लेकिन समाधान नहीं निकलता कि कैसे आपके बोलते ही बच्चे काम कर दें। कहने का अंदाज बदलकर या दूसरे तरीके से याद दिलाना मददगार हो सकता है, लेकिन परेशानी सुलझती नहीं।
दरअसल, बार-बार याद दिलाने और हताश होने का मतलब है कि आपका तरीका काम नहीं कर रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार, अपनी चीजें जगह पर न रखने, घर के छोटे-छोटे काम न करने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन आना स्वाभाविक है। इक्वल पार्टनर्स- इम्प्रूविंग जेंडर इक्वालिटी एट होम की लेखक केट मैंगिनो कहती हैं, इसका अर्थ है आपका सिस्टम ठीक नहीं है। बच्चों को उनकी भूमिका बताकर चिड़चिड़ाहट से बचें। जब लगे कि तंग आ गए हैं तो ठहरें, सोचें।
बच्चों से जुड़े फैसलों में बच्चों को भी शामिल करें
अनकंडीशनल पेरेंटिंग के लेखक एल्फी कोहेन कहते हैं, ‘घर के बड़े अक्सर पहले फैसले कर लेते हैं। बच्चों को बाद में शामिल करते हैं। फिर उम्मीद करते हैं कि उनका पालन किया जाए। संघर्ष यहीं से शुरू होता है। समाधान पर जोर दें। बच्चों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें समझाएं कि फलां काम करते तो कितना बेहतर होता।’
साथ बैठकर बताएं कि काम जीवन का हिस्सा
बच्चों को पता नहीं होता कि परिवार चलाने के लिए एक दिन में कितने काम करने पड़ते हैं। द गुड न्यूज अबाउट बैड बिहेवियर की लेखक कैथरीन रेनॉल्ड्स लुईस कहती हैं, ‘परिवार के साथ बैठकर चर्चा करना मददगार हो सकता है। बच्चों को एक दिन या सप्ताह में होने वाले सभी कामों की सूची दिखाएं। उन्हें इन कामों में सहभागी बनाएं।’
कहने से काम नहीं चलेगा, सिखाएं
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एसो. प्रोफेसर स्टुअर्ट एब्लॉन कहते हैं, ‘8 साल तक के बच्चों को पूरी तरह से काम सौंपने के बजाय मिलकर काम करें। 8 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को भी शुरुआत में मदद और सिखाने की जरूरत होगी।’