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नवा रायपुर किसान आंदोलन : सरकारी सर्वे से फिर भड़के किसान, NRDA ने अधिकांश हितग्राहियों को बता दिया अपात्र, उग्र आंदोलन के लिए गांव-गांव में बैठकों का दौर शुरू
रायपुर, 27 मार्च 2022/ नवा रायपुर किसान आंदोलन ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. आंदोलन को शांत करने तमाम सरकारी कोशिशें विफल होते नजर आ रहे हैं. सरकारी सर्वे के बाद अब नवा रायपुर के किसान फिर भड़क उठे हैं. NRDA ने अधिकांश हितग्राहियों को अपात्र बता दिया है. जिसके चलते नवा रायपुर के आसपास के गांवों में फिर से उग्र आंदोलन के लिए बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. आंदोलन में किसान नेता राकेश टिकैत को भी बुलाने की तैयारी है.
नवा रायपुर के अधिग्रहण प्रभावित जिन गांवों में प्रशासन ने पट्टे के लिए सर्वे किया था उसकी लिस्ट ने विरोध को भड़का दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के अधिकतर लोगों को अपात्र की सूची में डाल दिया गया है. ग्रामीणों को यह मंजूर नहीं है. ऐसे में अब गांव-गांव में इसके खिलाफ बैठकों का नया दौर शुरू हुआ है.
किसानों ने बताया कि नवा रायपुर बनने से प्रभावित हुए 12 गांवों में सरकार ने सर्वे कराया था. उसमें से खपरी- कयाबाधां और झांझ पंचायतों में पात्र-अपात्र की सूची चस्पा किया गया है. अधिकतर 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड व सम्पूर्ण बसाहट के पट्टे का दावा अपात्र सूची में डाल दिया गया है. इसके लिए कोई मापदंड व आधार नहीं दिया गया है. इसकी वजह से अधिग्रहण प्रभावित गांवों में लोग नाराज हैं. नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति और किसान परिवारों के बीच आंदोलन को तेज करने पर सहमति बन रही है. इसके लिए अलग-अलग गांवों में बैठकों का नया दौर शुरू हुआ है.
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति अब किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन की तैयारी में है. टिकैत के भारतीय किसान यूनियन ने वहां पहले ही मोर्चा संभाल लिया है. आंदोलन के नेता रूपन चंद्राकर और कामता प्रसाद रात्रे ने फरवरी में राकेश टिकैत से मुलाकात कर उन्हें आंदोलन में आने का न्यौता दिया था. नवा रायपुर के किसान आंदोलन को दूसरे संगठनों का भी साथ मिला है. 26 मार्च को रायपुर के कलेक्ट्रेट चौक स्थित एक सभागार में विभिन्न सामाजिक, कार्मिक और किसान संगठनों की बैठक हुई. इनमें तत्पर, अखिल भारतीय किसान मजदूर संघ, फुटकर व्यापारी कल्याण संघ, फुटकर फुटपाथ व्यापारिक संघ, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ, छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं निवेशक कल्याण संघ, पथ विक्रेता कल्याण संघ, किसान आंदोलन किसान साथी, मितानिन कल्याण संघ, संयुक्त किसान मोर्चा और दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकम्पा संघ शामिल हैं.