निर्वाचन आयोग ने पाबंदियां बढ़ाने के साथ-साथ ढील भी दी, जानें चुनावी राज्यों के लिए क्या है नई गाइडलाइंस
06 फरवरी 2022/ कोरोना मामलों में कमी आने के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनावी राज्यों में रोड शो, ‘पद यात्रा’, साइकिल और वाहन रैलियों पर प्रतिबंध को बढ़ा दिया, हालांकि बंद और खुले स्थानों पर प्रचार कार्यक्रमों के लिए नई छूट दे दी. नई छूट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में राजनीतिक दलों को बड़े चुनाव प्रचार कार्यक्रमों का आयोजन करने में मदद मिलेगी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 10 फरवरी को मतदान होगा. इसके लिये 8 फरवरी की शाम प्रचार अभियान थम जाएगा.
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों, उसके पर्यवेक्षकों और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर भौतिक प्रचार कार्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति प्रदान कर दी. आयोग ने एक बयान में कहा कि ‘खुले में सभा, बंद भवनों में सभा तथा रैलियों के संबंध में प्रतिबंधों में और ढील दी गई है, लेकिन बंद सभागारों की 50 फीसदी क्षमता और खुले मैदान की 30 फीसदी क्षमता के बराबर लोग ही इनमें शामिल हो सकेंगे.’ इसके अलावा, घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अधिकतम 20 लोगों की सीमा पहले की तरह ही लागू रहेगी. प्रचार पर रात 8 बजे से सुबह आठ बजे तक प्रतिबंध लागू रहेगा.
दिशानिर्देश के अनुसार, ‘ओपन ग्राउंड रैलियां केवल जिला अधिकारियों द्वारा विशेष रूप से नामित मैदानों में आयोजित की जा सकती हैं और एसडीएमए की सभी शर्तों के अनुपालन के अधीन हैं, जबकि इन मैदानों का आवंटन जिला प्रशासन द्वारा ई-सुविधा पोर्टल के माध्यम से पहले आओ पहले पाओ पर समान रूप से दिया जाएगा.’ संशोधित मानदंडों में यह भी निर्देश दिया गया है कि कई प्रवेश और निकास बिंदु होने चाहिए ताकि भीड़ न हो. सभी प्रवेश द्वारों में पर्याप्त हाथ स्वच्छता और थर्मल स्क्रीनिंग प्रावधान होना चाहिए. प्रवेश द्वार के साथ-साथ रैली क्षेत्र के भीतर पर्याप्त संख्या में हैंड सैनिटाइजर रखा जाना चाहिए, जबकि बैठने की व्यवस्था में पर्याप्त शारीरिक दूरी सुनिश्चित होनी चाहिए और हर समय मास्क का उपयोग अनिवार्य है.’
चुनाव आयोग ने पांच मतदान वाले राज्यों में संबंधित राज्य के अधिकारियों को हर समय शारीरिक दूरी के मानदंडों, मास्क पहनने और अन्य निवारक उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों द्वारा व्यवस्था की गई पर्याप्त जनशक्ति की व्यवस्था के लिए निर्देश दिया. आयोग समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करेगा और जमीनी स्तर की स्थिति के आधार पर अपने दिशानिर्देश, यदि कोई हो, में संशोधन के लिए आवश्यक निर्णय लेगा.