लखीमपुर से लेकर महंगाई तक के मुद्दे पर केंद्र पर जमकर बरसीं सोनिया गांधी, कहा- सरकार का एक एजेंडा, ‘बेचो, बेचो और बेचो’
16 अक्टूबर 2021/ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन (Farmers Protest), लखीमपुर खीरी हिंसा, महंगाई, विदेश नीति और चीन की आक्रामकता के मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
सोनिया ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछले दिनों कई अल्पसंख्यकों की हुई हत्या की निंदा की और कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और इस केंद्रशासित प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र की है. सोनिया ने लखीमपुर खीरी की घटना का हवाला देते हुए कहा कि इससे किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी की सोच का पता चलता है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि बीजेपी सरकार ने संसद से जो ‘तीन काले कानून’ पारित करवाएं हैं वो कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं.
सरकार का एजेंडा, ‘बेचो, बेचो और बेचो’: सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सिर्फ एक ही उपाय जानती है और यह है उन राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचना है जिनको बनाने में दशकों का समय लगा है. सोनिया ने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार का एक सूत्री एजेंडा ‘बेचो, बेचो और बेचो’ है…देश में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर, गैस सिलेंडर का दाम 900 रुपये और खाने के तेल की कीमत 200 रुपये के पार चली जाएगी. इससे लोगों के जीवन पर असहनीय बोझ पड़ रहा है.’
चीन के मुद्दे पर केंद्र को घेरा
सोनिया के मुताबिक, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों की मांग के बाद वैक्सीनेशन नीति में बदलाव किया और सहकारी संघवाद आज भी बीजेपी सरकार के लिए सिर्फ एक नारा मात्र है. विदेश नीति के मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, ‘देश में विदेश नीति को लेकर हमेशा एक व्यापक सहमति रही है. लेकिन मोदी सरकार ने विपक्ष को सार्थक ढंग से साथ लेने का प्रयास नहीं किया जिससे इससे यह सहमति कमजोर हुई है.’
सीमा पर चीन की आक्रमकता का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्षी नेताओं से कहा था कि चीन ने हमारी सीमा के भीतर कोई कब्जा नहीं किया है और इसके बाद से उन्होंने जो चुप्पी साधी है उसकी कीमत देश चुका रहा है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार के लिए विदेश नीति चुनावी माहौल बनाने और ध्रुवीकरण का एक औजार बनकर रह गई है.