स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज की समीक्षा करेगी सरकार, वोडाफोन आइडिया के शेयर 3% और एयरटेल के शेयर 2% उछले
नई दिल्ली 05 अक्टूबर 2021/ केंद्र सरकार टेलीकॉम कंपनियों को करीब 40,000 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज के बकाया मामले में राहत देने की तैयारी कर रही है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि वह टेलीकॉम कंपनियों से स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज (SUC) वसूलने की प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने इसके लिए कोर्ट से कम से कम तीन हफ्ते की मोहलत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।
वित्तीय संकट से गुजर रहा टेलीकॉम सेक्टर
मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दूरसंचार विभाग ने कहा है कि वह टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में सरकार ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर विभिन्न परिस्थितियों के कारण कुछ समय से वित्तीय संकट से गुजर रहा है। सरकार द्वारा जनहित में किए गए कुछ उपायों के बावजूद, मोबाइल फोन और ब्रॉडबैंड प्रदान करने वाले अधिकांश TSP घाटे में चल रहे हैं।
सरकार ने कहा कि भारतीय बैंक संघ ने भी केंद्र सरकार को लिखित रूप में सूचित किया है कि टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिकूल विकास विफलताओं, खत्म होती प्रतिस्पर्धा, एकाधिकार, अस्थिर संचालन और बैंकिंग प्रणाली के लिए गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है, जिसका इस क्षेत्र में बहुत बड़ा जोखिम है।
एयरटेल पर 8,414 करोड़ का OTSC बकाया
स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज के लिए टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार का 40,000 करोड़ रुपए बकाया है। देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल पर 8,414 करोड़ रुपए जबकि वोडाफोन आइडिया पर 4,389 करोड़ रुपए वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज (OTSC) का बकाया है। अन्य स्पेक्ट्रम मामलों की समीक्षा की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में 2जी घोटाले के मामले में 122 टेलीकॉम परमिट रद्द कर दिए थे। कोर्ट ने कहा कि इस सार्वजनिक असेट को नीलामी के द्वारा आवंटित होना चाहिए। तब तत्कालीन कैबिनेट ने निर्णय लिया कि अखिल भारतीय लाइसेंस के लिए किसी स्पेक्ट्रम आवंटन पर टेलीकॉम कंपनी से 1,658 करोड़ रुपए का एकमुश्त स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (OTSC) लिया जाएगा। पहले यह चार्ज सब्सक्राइबर की संख्या से जुड़ा था।
यूपीए-2 सरकार में इस नीति में बदलाव कर कहा गया कि 4.4 Mhz से ज्यादा के सभी स्पेक्ट्रम पर बाजार दर से यूजर चार्ज लिया जाएगा। इसमें पिछले साल के बकायों पर विवाद हुआ और टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया। इसके बाद यह मसला दूरसंचार विवाद अपील ट्रिब्यूनल (TDSAT) के पास पहुंची जिसने जुलाई 2019 में यह आदेश दिया कि कंपनियों से पिछले सालों का बकाया नए नियम से नहीं लिया जा सकता और यह आगे की तारीख से ही लागू होगा। इस आदेश को दूरसंचार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब सरकार मौजूदा स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज व्यवस्था को खत्म कर इस मसले को कोर्ट के बाहर सुलझाना चाहती है।