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राजस्थान में मोदी ने मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया, पंजाब में केजरीवाल ने दी मुफ्त इलाज की गारंटी

3 years ago
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राजस्थान में मोदी ने मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया, पंजाब में केजरीवाल  ने दी मुफ्त इलाज की गारंटी - Hindi News, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar,  हिंदी ...

 

 

 

 

30 सितंबर 2021/     कोरोनाकाल में खुली स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल से देश में राजनीति की दिशा बदलती नजर आ रही है। अब नेताओं ने स्वास्थ्य सविधाओं पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में 4 नए मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया। वहीं, चुनावी प्रचार के लिए पंजाब पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लुधियाना में प्रेस कांफ्रेंस कर स्वास्थ्य से जुड़ी 6 योजनाओं की घोषणा की।

पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में 2022 में चुनाव होने हैं। वहीं, राजस्थान और कर्नाटक में 2023 में चुनाव हैं।

 

शिलान्यास कार्यक्रम में क्या बोले मोदी?

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में 4 नए मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया। केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में पिछड़े और वंचित जिलों को प्राथमिकता दी है।

कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। योजना के तहत 3 चरणों के तहत देशभर में 157 नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली है।

 

केजरीवाल के 6 वादे

1. पंजाब के हर व्यक्ति का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। कार्डधारी मरीज के सभी टेस्ट मुफ्त होंगे।
2. सभी पंजाबियों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाएगी। दवाइयां भी मुफ्त मिलेंगी।
3. दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक के तर्ज पर पूरे पंजाब में 16 हजार पिंड क्लिनिक बनाए जाएंगे।
4. राज्य सरकार के सभी अस्पतालों में एयर कंडीशन की व्यवस्था की जाएगी। नए अस्पताल खुलेंगे।
5. पंजाब के किसी भी शख्स के साथ सड़क दुर्घटना होने पर, उसका इलाज पंजाब सरकार कराएगी।
6. 20 लाख रुपए तक ऑपरेशन मुफ्त कराया जाएगा।

 

 

कोरोना ने कैसे बदली राजनीति की दिशा ?

कोरोना वायरस के देशभर में अब तक 3.37 करोड़ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। इनमें करीब 2.70 लाख एक्टिव मामले हैं। 4.45 लाख से ज्यादा लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। दूसरी लहर के दौरान देशभर में कोरोना का असर दिखाई दिया था। मुंबई, दिल्ली से लेकर यूपी और बिहार तक अस्पतालों में इलाज मुश्किल हो गया था। लोग बिना इलाज के सड़कों पर दम तोड़ रहे थे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी लहर में देशभर के 719 डॉक्टरों ने भी कोरोना के चलते दम तोड़ दिया था। इनमें 111 बिहार, 37 गुजरात, 79 यूपी, 43 राजस्थान और 16 मध्यप्रदेश के थे। अस्पतालों में बेड न उपलब्ध करा पाने और बड़ी तादाद में लोगों के मरने का खामियाजा जनप्रतिनिधियों को भी भुगतना पड़ा। कोरोनाकाल में सामने आई हकीकत के बाद अब नेताओं ने स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। आगामी चुनावों में कई नेता स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों के साथ मैदान में उतर सकते हैं।

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