प्रधानमंत्री मोदी ने 35 फसलों की खास किस्में लॉन्च कीं, इन पर जलवायु परिवर्तन और कुपोषण का असर कम होगा
नई दिल्ली 28 सितंबर 2021/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 35 फसलों की खास किस्में लॉन्च की हैं। सरकार का कहना है कि इन फसलों की किस्मों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने काफी रिसर्च के बाद तैयार किया है, इनके जरिए फसलों पर जलवायु परिवर्तन और कुपोषण के असर को कम किया जाएगा।
इस मौके पर मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि देश की अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन फसलों को तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में फसलों का कितना बड़ा हिस्सा कीड़ों की वजह से बर्बाद हो जाता है। इससे किसानों का भी बहुत नुकसान होता है। पिछले वर्ष भी कोरोना से लड़ाई के बीच हमने देखा है कि कि कैसे टिड्डी दल ने अनेक राज्यों में हमला कर दिया था। भारत ने बहुत प्रयास कर इस हमले को रोका और किसानों का ज्यादा नुकसान होने से रोका।’
मोदी के संबोधन की 5 बड़ी बातें
1. ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए
मोदी ने कहा कि किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया। फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए। खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है।
2. किसानों को 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए
मोदी ने कहा कि बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं।
3. MSP बढ़ाने के साथ-साथ खरीद प्रकिया भी सुधारी
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए उनके लिए बैंकों से मदद को और आसान बनाया गया है। आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है। हाल ही में अभियान चलाकर 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। MSP में बढ़ोतरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा गया है।
4. नए कीट, नई बीमारियों से फसलें प्रभावित हो रही हैं
मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। इन पहलुओं पर गहन रिसर्च जरूरी है। जब साइंस, सरकार और सोसायटी मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे। किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा।
5. किसानों को खेती से नए विकल्पों के लिए प्रेरित कर रहे
प्रधानमंत्री का कहना है कि किसान को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर, उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मिलेट्स और अन्य अनाजों को और विकसित करना जरूरी है। मकसद ये कि देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके।
मोदी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस मैनेजमेंट, रायपुर के कैंपस का उद्घाटन भी किया है। उनका कहना है कि देश को वैज्ञानिक काम के लिए एक नया राष्ट्रीय संस्थान मिला है। यहां से जो मैनपावर तैयार होगा, जो वैज्ञानिक तैयार होगा, जो यहां पर समाधान तैयार होगा, वो देश की कृषि और किसानों की आय बढ़ाने में कारगर सिद्ध होंगे।